संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के 75 साल पूरे होने पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाना पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के लिए महंगा पड़ गया। भारत ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का गढ़’ और ‘पनाहगार’ बताकर उसकी बोलती बंद कर दी। भारत ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जो आतंक फैलाने वालों को ट्रेनिंग देता है और उन्हें शहीद का दर्जा देता है।
भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने जवाब देने के अधिकार के तहत आतंकवाद का मुद्दा उठाया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने कुरैशी के भाषण को भारत के आंतरिक मामले के मामले में कभी न खत्म होने वाला मनगढ़ंत विचार करार दिया।
Another repetition of the baseless falsehoods that have become a trademark of Pakistan’s interventions. A nation bereft of milestones!
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— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) September 22, 2020
भारत कुरैशी के कश्मीर के दुर्भावनापूर्ण उल्लेख को खारिज करता है’
सोमवार को शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र के इस कार्यक्रम में मैइत्रा ने कहा कि मैं उत्तर देने के अधिकार के तहत पाकिस्तान के प्रतिनिधि के बयान का जवाब देना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस तरह के मंच का इस्तेमाल बार-बार मिथ्या आरोप लगाने के लिए करता रहा है। पाकिस्तान के प्रतिनिधि का जो हमने विचार सुना वह भारत के आतंरिक मामले में कभी न खत्म होने वाला मनगढ़ंत विचार है।
मैइत्रा ने कहा कि भारत कुरैशी के जम्मू-कश्मीर के दुर्भावनापूर्ण उल्लेख को खारिज करता है जो भारत का अभिन्न अंग है। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र में कोई ऐसा अजेंडा जो पूरा नहीं हुआ है तो वह बढ़ते आतंकवाद से निपटना है। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो पूरी दुनिया में आतंकवाद के केंद्र के रूप में कुख्यात है। पाकिस्तान ने खुद आतंकवादियों को शरण देने और प्रशिक्षण देने तथा उन्हें शहीद का दर्जा देने को स्वीकार किया है। वहीं खुद पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के खिलाफ ज्यादती करता है।
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