नई दिल्ली. लश्कर-ए-तैयबा (LET) के कमांडर अबू कताल (Abu Qatal) की हत्या के बाद पाकिस्तानी सरकार (Pakistani Government) टेंशन (Tension) में है. टॉप इंटेलीजेंस सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को लश्कर ए तैयबा चीफ हाफिज सईद (Hafiz Saeed) की सुरक्षा सताने लगी है. अबू कताल की मौत के बाद ISI ने सिक्योरिटी रिव्यू की है और सुरक्षा में जवान बढ़ा दिए हैं. हाफिज के बेटे तल्हा सईद (Talha Saeed) की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है. तल्हा सईद पर भी पहले हमला हो चुका है.
अबू कताल की गोली मारकर हत्या
अबू कताल, जम्मू कश्मीर के रियासी हमले का मास्टरमाइंड था और उसका असली नाम जिया उर रहमान था. रविवार को अबू कताल को अज्ञात हमलावरों ने पॉइंट ब्लैंक रेंज से सिर पर गोली मारी थी.
लाहौर में 2021 में हाफिज सईद के ठिकाने के पास भी फिदायीन हमला हो चुका है, जिसमें हाफिज बाल-बाल बचा था. 2023 में लश्कर के 2 चीफ ऑपरेशन कमांडर और हाफिज के 2 बेहद करीबी आतंकी हंजला अदनान और रियाज अहमद उर्फ अबु कासिम की भी अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी. दोनों इंडियन एजेंसीज से वांटेड थे.
लश्कर के कैंप में हड़कंप
पाकिस्तान में हाफिज सईद के कई करीबी और लश्कर के मोस्ट वांटेड आतंकियों को अज्ञात हमलवार निशाना बना चुका है जिसके बाद लश्कर के कैंप में खलबली मची हुई है. भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने आजतक को बताया कि POK से इंडिया के कई वांटेड आतंकियों को पाकिस्तान के अलग-अलग सेफ हाउस में शिफ्ट किया गया है.
दिसंबर 2024 में मुंबई 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज के बेहद करीबी और आतंकी संगठन लश्कर के नंबर- 2 रैंक के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की की मौत हुई थी. अज्ञात हमलावरों के डर से हाफिज सईद, अब्दुल रहमान मक्की के जनाजे में भी नहीं आया था. जबकि अब्दुल रहमान मक्की हाफिज सईद का रिश्तेदार भी था.
मक्की के जनाजे को लश्कर-ए-तैयबा की तरफ से हाफिज के बेटे ने लीड किया था, जिसमें पाकिस्तान में मौजूद सभी बड़े आतंकी शामिल हुए थे. इस जनाजे में हाफिज के शामिल होने की उम्मीद थी. लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने हाफिज को शामिल होने से रोक दिया था.
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