पाकिस्तान आतंकवाद पर पूरी तरह से दोहरा गेम खेलने में जुट गया है। एक तरफ वहां की अदालत ने मुंबई हमले के मुख्य आरोपित हाफिज सईद व उसके दो साथियों को आतंकी वारदातों में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है, लेकिन दूसरी तरफ वह भारत में आतंकी वारदातों को नए सिरे से अंजाम देने की साजिश रच रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि वह आतंकियों की मदद करने की अपनी नीति पर लगाम लगाए। दूसरी तरफ, भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि भारतीय सीमा पर तैनात पाकिस्तानी सैनिक सैकड़ों आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने की साजिश में जुटे हैं। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के शीर्ष नेतृत्व का रुख भी पाकिस्तान को लेकर हाल के दिनों में बेहद कड़ा हुआ है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने को लेकर पाकिस्तान अब बदली हुई नीति के तहत काम कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काना इस नई नीति का एक अहम हिस्सा है।
अगस्त, 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद-370 की समाप्ति के बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जिस तरह की सख्ती दिखाई है उसकी वजह से कोई बड़ा हादसा अभी तक नहीं हुआ है। पाकिस्तान की साजिश है कि कश्मीर में बड़े पैमाने पर हिंसक वारदातों के बाद ही इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में लाया जा सकेगा। यही वजह है कि पिछले दो महीनों के दौरान भारत-पाक सीमा पर पाक सेना की तरफ से अकारण गोलीबारी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। गोलीबारी की आड़ में प्रशिक्षित आतंकियों और उनके साथ हथियार भेजना पाकिस्तान की पुरानी करतूत है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है, ‘बार-बार आग्रह और वर्ष 2003 के समझौते के बावजूद पाकिस्तानी सेना घुसपैठियों को आड़ देने के लिए लगातार गोलीबारी कर रही है। कश्मीर में आतंकवाद को भड़काने के लिए आतंकियों और हथियारों को भारतीय सीमा में भेजने में कोई कमी नहीं आई है।
घुसपैठ की इस तरह की घटनाएं पाकिस्तानी सेना की मदद के बगैर संभव नहीं है। विदेश मंत्रालय ने 14 नवंबर को पाकिस्तानी उच्चायोग के कार्यवाहक उच्चायुक्त को समन भेजकर अपनी नाराजगी से अवगत करा दिया था। 13 नवंबर, 2020 को पाकिस्तानी सेना की तरफ से भारी गोलीबारी की गई थी जिसमें चार निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी और 19 लोग घायल हुए थे। आतंकियों को पाकिस्तान की तरफ से मिल रहे समर्थन का हम कड़ा विरोध करते हैं और हम उसे याद दिलाना चाहते हैं कि द्विपक्षीय संधि के मुताबिक वह भारत में आतंकी गतिविधियों में मदद करने से बाज आए।’ भारत को पाकिस्तान की नई साजिशों का पूरी तरह पता है। संभवत: यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को बेहद स्पष्ट शब्दों में रखा है। 17 नवंबर को ब्रिक्स देशों की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को दोषी ठहराने की अपील की थी। 16 नवंबर को विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ कहा था कि दुनिया में आतंक की सबसे बड़ी फैक्ट्री भारत के पड़ोस में है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved