इस्लामाबाद। पाकिस्तान भले ही आम मंचों पर भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने और आतंकवाद पर काबू पाने की बातें करता हो लेकिन उसकी कथनी और करनी में अब भी बड़ा अंतर है। आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाली पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों में फिर उसका असली चेहरा उजागर किया गया है।
इनमें बताया गया है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद की आग भड़काने के लिए अब दोहरा तरीका अपना रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकी संगठनों की मदद कर रही है और दूसरी तरफ ड्रग्स और हथियारों की तस्करी कर पड़ोसी देश कश्मीर को अशांत करने की साजिशों में लगा हुआ है।
दुनियाभर में युद्ध क्षेत्रों और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाली पत्रिका ग्लोबल वॉच एनालिसिस में रोलैंड जैकार्ड लिखते हैं कि आईएसआई जम्मू-कश्मीर में चल रहे छद्म युद्ध को लगातार समर्थन और सहयोग दे रही है। यह सब वह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल-मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों की मदद से कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव जरूरी
रोलैंड के मुताबिक, वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन युद्ध, ताइवान संकट और मध्य अफ्रीकी गणराज्य में गृहयुद्ध से जूझ रहा है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना और भी महत्वपूर्ण है कि दुनिया के इस हिस्से में पूर्ण संघर्ष न शुरू हो जाए। इलाके में स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पाकिस्तानी सरकार और उसकी सेना की आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने की नीति में सुधार करने के लिए विश्व समुदाय उस पर लगातार दबाव बनाए रखे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस प्रयास में सक्रिय रूप से योगदान देने का आग्रह किया।
नार्को-आतंकवाद नया खतरा
इस बीच, पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी में भारत के खिलाफ अपने परोक्ष युद्ध में एक नए हथियार के तौर पर नार्को-आतंकवाद का इस्तेमाल करना शुरू किया है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में अयाज वानी लिखते हैं, कश्मीर में नार्को-आतंकवाद में एक खतरनाक वृद्धि देखी गई है। हाल ही में पाकिस्तान ने ड्रग्स के साथ-साथ हथियार भेजने की दोहरी रणनीति का इस्तेमाल किया है। नशीले पदार्थों की तस्करी आतंकवाद को पैसे के माध्यम से ऑक्सीजन प्रदान करती है।
भारत में घुसने की फिराक में 145 आतंकी
रोलैंड लिखते हैं, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 20 से ज्यादा आतंकी ट्रेनिंग कैंप सक्रिय हैं। करीब 140-145 आतंकी इन कैंपों में मौजूद हैं और भारत में घुसने की फिराक में हैं।
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