इस्लामाबाद। पाकिस्तान(Pakistan) ने विभिन्न भूमिका निभाने वाले जे-10सी लड़ाकू विमानों (J-10C fighter planes) को शुक्रवार को अपनी वायुसेना (Air Force) में शामिल कर दिया, जिससे देश की सैन्य ताकत (military power) में इजाफा होगा. इन विमानों को चीन (China) से खरीदा गया है. हालांकि, चीन ने कितनी संख्या में ये विमान उपलब्ध कराये हैं, उस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है.नए लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल करने के अवसर पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब के एटोक जिला स्थित पाकिस्तान वायुसेना अड्डा मिनहास कामरा में एक समारोह को संबोधित किया.उन्होंने फ्रांस से भारत के राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की ओर संभवत: इशारा करते हुए कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, क्षेत्र में एक असंतुलन पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं और इसका समाधान करने के लिए आज हमारी रक्षा प्रणाली में एक बड़ा इजाफा किया गया है. ”
इमरान ने करीब 40 साल बाद इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया, जब अमेरिका द्वारा उपलब्ध कराये गये एफ-16 लड़ाकू विमानों को पाकिस्तानी वायुसेना में शामिल किया गया था. उन्होंने करीब आठ महीने की संक्षिप्त अवधि में विमान उपलब्ध कराने को लेकर चीन का शुक्रिया भी अदा किया, जबकि आधुनिक लड़ाकू विमान हासिल करने में वर्षों लग जाते हैं. भारत का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान की ओर आक्रामक ढंग से बढ़ने से पहले किसी भी देश को दो बार सोचना पड़ेगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सशस्त्र बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सुसज्जित और प्रशिक्षित हैं.पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने कहा कि जे-10सी को वायुसेना में शामिल करने से बल की पेशेवर क्षमता और बढ़ेगी. जे-10सी 4.5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है और यह चीन-पाक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान जेएफ-17 से कहीं अधिक शक्तिशाली है, जिसे अभी पाकिस्तान इस्तेमाल कर रहा हैपाकिस्तान ने नये लड़ाकू विमान को 23 मार्च को सालाना रक्षा दिवस परेड में प्रदर्शित करने की घोषणा की है.गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि भारत द्वारा राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जाने के जवाब में पाकिस्तान ने 25 जे-10सी विमानों का एक पूर्ण स्कवाड्रन खरीदा है.कई विशेषज्ञों का मानना है कि जे-10 सी, राफेल लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान का जवाब है.