इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) नीत पाकिस्तानी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) की संपत्ति और आय की फोरेंसिक जांच (Forensic investigation of assets and income) करने का फैसला किया है. यह जानकारी शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट से मिली। इंटरनेशनल समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। खबर के मुताबिक सरकार ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) केंद्रीय सचिवालय के चार कर्मचारियों के बैंक खाते का ब्यौरा लेने का भी फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक इमरान खान नीत पार्टी पीटीआई के चार कर्मचारियों के निजी खातों में भारी रकम आने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने मांगा है और सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी भी की जाएगी. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 2013 से 2022 के बीच पूर्व सत्ताधारी पार्टी के विदेशी चंदे का रिकॉर्ड भी मांगा जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि ब्यौरे की फॉरेंसिक जांच स्वतंत्र लेखा परीक्षकों द्वारा की जाएगी वहीं संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) और संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) अपने-अपने स्तर पर रिकॉर्ड प्राप्त करके कार्रवाई करेंगे।
अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पीएम पद से हटाए गए थे इमरान खान
गौरतलब है कि पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री खान को 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटा दिया गया था. इसके साथ ही वह पाकिस्तान के इतिहास में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अपदस्थ किये जाने वाले प्रथम प्रधानमंत्री हो गए. क्रिकेटर से नेता बने खान (69) कई बार आरोप लगा चुके हैं कि उनके राजनीतिक विरोधियों ने पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए अमेरिका के साथ सांठगांठ की है।
इमरान के अमेरिकी साजिश के दावे को एनएससी ने किया खारिज
हालांकि, उन्होंने इसका कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है और वॉशिंगटन ने किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया है. पाकिस्तान की शीर्ष सुरक्षा एजेंसी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने भी पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार किए गए दावे को खारिज कर दिया था कि अमेरिका ने विपक्षी दलों की मदद से पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) की सरकार गिराई है।
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