इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former Prime Minister Imran khan) के वकील ने शनिवार (30 सितंबर) को आरोप लगाया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf – PTI) को अदियाल जेल में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई के मुख्य वकील नईम हैदर पंजोथा (Naeem Haider Panjotha) ने आरोप लगाया कि इमरान खान को सी-क्लास जेल के एक छोटे से कमरे में रखा गया है और उसे टहलने के लिए भी उस कमरे से बाहर आने की अनुमति नहीं है।
इमरान खान के वकील ने कहा कि उन्हें पूर्व पीएम को दिए जाने वाले खाने की क्वालिटी पर संदेह है. गौरतलब है कि खाने को लेकर याचिका अभी भी कोर्ट में लंबित है. पंजोथा ने सिफर मामले की बंद कमरे में हुई सुनवाई पर भी सवाल उठाया और मामले की खुली सुनवाई के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि PTI अध्यक्ष को सिफर में दोषी ठहराया जाना पूर्व प्रधानमंत्री को राजनीति से दूर रखने के अभियान का एक हिस्सा है।
FIA ने कोर्ट से किया अनुरोध
इससे पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने संघीय जांच एजेंसी (FIA) की तरफ से प्रस्तुत चालान को खारिज कर दिया और सिफर मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की. शनिवार को जारी एक बयान में, पीटीआई प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी के खिलाफ प्रस्तुत चालान सिफर केस के रूप में अर्थहीन और फर्जी था।
एफआईए ने अपने चालान में कहा कि इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को इस मामले में दोषी पाया गया है. एजेंसी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि मामले में उनका मुकदमा चलाया जाए और उन्हें सजा दी जाए।
इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी की न्यायिक हिरासत
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि PTI के पूर्व महासचिव असद उमर का नाम आरोपियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान के पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान को मामले में मजबूत गवाह के रूप में नामित किया गया है. गवाहों की सूची में पूर्व विदेश सचिव असद मजीद, सोहेल महमूद और तत्कालीन अतिरिक्त विदेश सचिव फैसल नियाज तिर्मिज़ी के नाम भी शामिल किए गए हैं।
26 सितंबर को स्पेशल कोर्ट अदालत ने सिफर मामले में इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी की न्यायिक हिरासत 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी. इससे पहले अगस्त में FIA ने अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट को गलत तरीके से रखने और दुरुपयोग करने के लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत PTI अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर मामला दर्ज किया था।
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