इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री (former Prime Minister ) और तहरीक ए इंसाफ पार्टी (Tehreek-e-Insaf party) के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) को मंगलवार को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया है. इमरान दोपहर में दो केसों की सुनवाई के सिलसिले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट (Islamabad High Court) पहुंचे थे। यहां पाक रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बाद में गिरफ्तारी की खबर आई. बाद में गृह मंत्री ने बताया कि इमरान को अल कादिर ट्रस्ट केस में गिरफ्तार किया है। उन पर देश के खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान कई बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए. इमरान को राष्ट्रीय खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (National Accountability Bureau) ने कार्रवाई की है. मंत्री ने यह भी बताया कि इमरान को प्रताड़ित नहीं किया गया है।
इमरान और उनकी पत्नी ने पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्स रियाज मलिक को गिरफ्तारी के नाम पर धमकाकर अरबों रुपये की जमीन अपने नाम करा ली।
दरअसल, इमरान खान पर अल-कादिर ट्रस्ट मामले में धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज हैं. ये पूरा विवाद अल कादिर ट्रस्ट यूनिवर्सिटी से जुड़ा है. इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने अल-कादिर प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था, जिसका उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ प्रदान करने के लिए अल-कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना करना था. आरोप है कि दान की गई जमीन के दस्तावेज में हेरफेर किया गया. यूनिवर्सिटी के लिए इमरान और उनकी बीवी ने जमीन को गैर कानूनी तरीके से हड़प लिया और दोनों ने पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्स मलिक रियाज को गिरफ्तारी के नाम पर धमकाकर अरबों रुपये की जमीन अपने नाम करा ली।
– दस्तावेजों में ट्रस्ट के कार्यालय का पता बानी गाला हाउस, इस्लामाबाद बताया गया है. बाद में 2019 में बुशरा बीबी ने एक निजी रियल एस्टेट फर्म बहरिया टाउन के साथ दान प्राप्त करने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. ट्रस्ट ने अपने सौदे के हिस्से के रूप में बहरिया टाउन से 458 कनाल, 4 मरला और 58 वर्ग फुट की जमीन हासिल की.
– हालांकि, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के अनुसार, इस 458 कनाल भूमि में से इमरान खान ने अपना हिस्सा तय किया और दान की गई 240 कनाल भूमि बुशरा बीबी की करीबी दोस्त फराह गोगी के नाम पर ट्रांसफर कर दी.
– सनाउल्लाह ने दावा किया कि इस जमीन के मूल्य को कम करके आंका गया और इमरान खान ने यूनिवर्सिटी के नाम पर अपना हिस्सा प्राप्त किया. पूर्व पीएम ने मामले को दबाने की कोशिश की. इन आरोपों के बाद पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ट्वीट किया कि इमरान खान ने रियल एस्टेट टाइकून मलिक रियाज को लगभग 190 मिलियन पाउंड दिए, जिन्हें बाद में ब्रिटिश अधिकारियों को यह राशि देनी पड़ी, ताकि यह जांच की जा सके कि यह धन अपराध की किसी आय से था या नहीं.
– मलिक रियाज ने एक ट्रस्ट को सैकड़ों एकड़ जमीन भी दान की, जिसके सदस्य इमरान खान, बुशरा बीबी और फराह गोगी थे. लेकिन आरोपों के अनुसार, ट्रस्ट को 2021 में अल-कादिर यूनिवर्सिटी नाम के निर्माणाधीन संस्थान के लिए दान के नाम पर लाखों रुपए मिले, जिसका उद्घाटन 5 मई, 2019 को इमरान खान ने किया. वे इस संस्थान के अध्यक्ष हैं.
– यह घोटाला तब सामने आया जब पाकिस्तान के मीडिया ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 180 मिलियन पाकिस्तानी रुपये प्राप्त किए गए थे, जबकि रिकॉर्ड में लगभग 8.52 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का खर्च दिखाया गया. सवाल उठाया गया कि जब संस्थान को एक ट्रस्ट के रूप में स्वीकार किया गया था तो संस्थान छात्रों से शुल्क क्यों ले रहा है.
सिलसिलेवार समझिए पूरा केस…
– 26 दिसंबर, 2019 को इमरान खान ने अल कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट के लिए ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करवाया. पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्स मलिक रियाज बाद में इसके लिए जमीन के डोनर बने.
– ट्रस्ट के डीड के रजिस्ट्रेशन के बाद बहरिया टाउन ने सोहावा, झेलम में 458 कनाल जमीन खरीदी और जुल्फी बी के नाम पर जमीन ट्रांसफर की.
– स्टांप पेपर के अनुसार, जमीन की कीमत 243 करोड़ रुपए तय की गई थी.
– 22 जनवरी 2021 को जुल्फी बी ने जमीन ट्रस्ट के नाम ट्रांसफर कर दी.
– 24 मार्च, 2021 को बहरिया टाउन द्वारा 458 कनाल भूमि के दान को इमरान खान के आवास पर बुशरा बीबी और बहरिया टाउन के बीच हुए एक समझौते के माध्यम से स्वीकार किया.
– हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार, बहरिया टाउन ने कहा कि वह अल कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना और संचालन के लिए सभी खर्चों का भुगतान करेगा और ट्रस्ट को धन का योगदान देगा.
– जनवरी-दिसंबर 2021 से ट्रस्ट को 180 मिलियन रुपये का दान मिला.
– 1 मई, 2023 को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने इस मामले में इमरान खान के खिलाफ 1999 के NAB अध्यादेश की धारा 9 के तहत गिरफ्तारी का वारंट जारी किया, जिसमें उन्हें बार-बार हाजिर होने के लिए कहा गया और आरोप के बारे में अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया.
– मामले में आज 9 मई, 2023 को पूर्व पीएम इमरान खान को गिरफ्तार किया गया.
– इससे पहले ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने मलिक रियाज पर 140 मिलियन पाउंड का जुर्माना लगाया था और ये राशि पाकिस्तान वापस भेज दी गई थी.
– बहरिया टाउन कांड मामले में मलिक रियाज के सेटलमेंट के हिस्से के रूप में वो पैसा SC को दिया जाना था.
– 2 दिसंबर, 2019 को इमरान खान के संघीय कैबिनेट ने सेटलमेंट को लेकर मंजूरी दी (फैसल वावड़ा ने इसकी पुष्टि की और सदस्यों को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया) और सरकार के मैन अकाउंट की बजाय अन्य अकाउंट में पैसे डाले गए.
– मलिक रियाज द्वारा कुल 460 अरब रुपये का भुगतान किया जाना था और यह राशि एक हिस्सा थी.
इमरान खान पर 100 से ज्यादा केस दर्ज
पाकिस्तान में अप्रैल 2022 में पीटीआई सरकार का तख्तापलट होने के बाद इमरान खान की मुश्किलें बढ़ी हैं. तब से उन पर 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं. मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, इमरान पर अब तक करीब 140 केस दर्ज हो गए हैं. हाल ही में सबसे ज्यादा चर्चा में तोशखाना मामला रहा है. वहीं, पीटीआई के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी का दावा है कि इमरान खान खुद 19 केसों में याचिकाकर्ता हैं. उन्होंने सरकारी विभागों और व्यक्तियों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की हैं. खान के खिलाफ कुल 37 केस ऐसे हैं, जिनमें वे सीधे तौर पर शामिल हैं. इन सभी केसों में उनके खिलाफ कुल 21 एफआईआर दर्ज हैं।
– तोशाखाना मामले में इमरान पर सरकारी तोहफों की बिक्री से मिली धनराशि को कथित तौर पर छिपाने का आरोप है. फिलहाल, पाकिस्तान की कोर्ट इस मामले में इमरान के खिलाफ 10 मई को आरोप तय करेगी. उन पर इस मामले में भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पिछले साल पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने विदेशों से मिले तोहफों की बिक्री की जानकारी शेयर नहीं करने के कारण इमरान के खिलाफ तोशाखाना केस दायर किया था।
– पाकिस्तान में सत्ताधारी गठबंधन के सांसदों ने चुनाव आयोग में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि इमरान खान ने तोशखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीद कर ज्यादा दामों में बेच दिया था. इस मामले में चुनाव आयोग ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. बाद में चुनाव आयोग ने तोशखाना मामले में इमरान खान की संसद सदस्यता रद्द कर दी. इमरान खान पर गलत जवाब दाखिल करने का आरोप था।
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