इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध प्रांत (Sindh Province) के संघार इलाके में सोमवार 13 फरवरी को एक नवविवाहित पाकिस्तानी हिंदू (newly married pakistani hindu) मृत पाया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तम कोहली का बेटा दौलत कोहली दो दिनों से लापता था। वह खिप्रो गांव में अपने घर के पास एक खेत में मृत पाया गया। पुलिस के मुताबिक, दौलत का शव मिलने से कम से कम बारह घंटे पहले उसकी गला दबाकर हत्या (strangulation) कर दी गई थी।
दौतल की इसी साल 8 फरवरी को शादी हुई थी और वह 11 फरवरी को शाम करीब 4 बजे अपनी पत्नी और मां को यह कहकर अपने घर से निकला था कि वह अपने दोस्तों (बिना नाम बताए) के साथ कुछ घंटे बिताने के लिए बाहर जा रहा है। दौलत के परिजनों ने आरोप लगाया कि उसके दो स्थानीय मुस्लिम दोस्तों ने उसकी हत्या की है। उन्हें दस फरवरी को दौलत के साथ उस समय बहस करते हुए देखा गया था, जब उसने उन्हें दो हजार पाकिस्तानी रुपये उधार देने से इनकार किया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन वह अभी तक मृतक के दोस्तों को पूछताछ के लिए बुलाने में विफल रही है। पाकिस्तानी सरकार द्वारा देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के दावों के बावजूद कट्टरपंथियों और सामंती जमींदारों द्वारा अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर निरंतर क्रूर हमले लगातार जारी हैं और ये हमले लगातार बढ़ रहे हैं। हिंदुओं के खिलाफ हाल में हुए अपराधों ने सरकार के उन दावों की पोल खोलकर रख दिया है कि उसने देश में अल्पसंख्यकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है।
इस्लामिक देश पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं को अक्सर नफरत, अपहरण, हत्या, दुष्कर्म, जबरन विवाह आदि के साथ निशाना बनाया जाता है। पिछले साल दिसंबर में सिंध में ही एक हिंदू महिला दया भील की बेरहमी से हत्या के बाद आक्रोश फैल गया था।
थारपारकर सिंध से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सीनेटर कृष्णा कुमारी अपने गांव पहुंचीं थी और उसने हिंदू महिला की नृशंस हत्या की खबर की पुष्टि की थी। कृष्णा ने कहा था, “विधवा दया भील (40 वर्षीय) की बेरहमी से हत्या कर दी गई है और उसका शव बहुत बुरी हालत में पाया गया है। उसका सिर शरीर से अलग था और वहशियों ने पूरे सिर से मांस निकाला हुआ था। सिंझोरो और शाहपुरचाकर से पुलिस की टीमें भी उनके गांव पहुंचीं।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान में मानवाधिकार निचले स्तर तक पहुंच गए हैं। कई मीडिया रिपोर्ट और वैश्विक निकाय देश में महिलाओं, अल्पसंख्यकों, बच्चों और मीडियाकर्मियों के लिए गंभीर स्थिति को बता रहे हैं। सिंध में जबरन धर्मांतरण और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले बढ़ गए हैं। नाबालिग हिंदू, सिख और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन एक आम घटना बन गई है।
अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को ‘धार्मिक स्वतंत्रता के लिए विशेष चिंता’ वाले देशों के रूप में नामित करने से यह भी साबित होता है कि अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को व्यापक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जाता है। इससे पहले नवंबर में वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस (डब्ल्यूएससी) ने लंदन में सिंध पर 34 वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था। सम्मेलन को संबोधित करते हुए डब्ल्यूएससी अध्यक्ष डॉ रूबीना शेख ने जोर देकर कहा कि सिंध इतिहास में सबसे खराब दौर का सामना कर रहा है।
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