पेशावर (Peshawar)। पाकिस्तान (Pakistan) में आठ फरवरी को आम चुनाव (General elections) हैं, जिसको लेकर तमाम क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने कमर कस ली हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People’s Party) ने अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa Province) के बुनेर निर्वाचन क्षेत्र से हिंदू उम्मीदवार सवीरा प्रकाश (Hindu candidate Saveera Prakash) को उम्मीदवार बनाया है। बुनेर निर्वाचन क्षेत्र से आम चुनाव लड़ने वाली पहली हिंदू उम्मीदवार सवीरा प्रकाश (Hindu candidate Saveera Prakash) ने कहा कि अगर वह चुनाव जीत जाती हैं, तो वह पाकिस्तान और भारत के बीच राजनयिक पुल बनाने में मदद करेंगी। गौरतलब है कि पेशे से डॉक्टर 25 वर्षीय सवीरा ने पिछले हफ्ते बुनेर जिले में पीके-25 की सीट के लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
बुनेर की बेटी की मिली उपाधि- सवीरा
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से पहली हिंदू उम्मीदवार सवीरा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें बुनेर की बेटी का दर्जा मिला हैं, साथ ही मुस्लिम भाईयों ने उन्हें न केवल वोट देने का आश्वासन दिया है बल्कि चुनाव में पूरा समर्थन देने की भी बात की हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में दावा किया कि वह पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की समस्याओं को हल करने में मदद करेंगी। सवीरा ने कहा कि वह एक देशभक्त हिंदू हैं और बुनेर की बेटी का दर्जा मिलने के बाद से उनका मनोबल और बढ़ गया हैं।
सवीरा बोलीं, मुझे पाकिस्तानी हिंदू होने पर गर्व
सवीरा ने कहा कि अगर वह प्रांतीय असेंबली सदस्य के रूप में चुनी जाती हैं तो वह इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच सेतु का काम करेंगी। यहां तक पाकिस्तान के सीमा पार रह रहे हिंदू समुदाय के लोग बिना झिझक के मुझ से संपर्क कर सकेंगे। सवीरा ने कहा कि लोग उनके समर्थन में खड़े हैं, इस वजह से उन्हें कभी भी अपमानित महसूस नहीं हुआ। मुझे अपनी पश्तून संस्कृति का हिस्सा होने पर गर्व हैं।
कौन है सवीरा प्रकाश
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, सवीरा के पिता ओम प्रकाश एक डॉक्टर हैं और हाल ही में वह रिटायर हुए हैं। ओम प्रकाश बीते 35 सालों से पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सदस्य रहे हैं। सवीरा खुद भी एक डॉक्टर हैं उन्होंने एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से 2022 में स्नातक किया है। सवीरा बुनेर में पीपीपी पार्टी की महिला विंग की महासचिव भी रह चुकी हैं। सवीरा महिलाओं की स्थिति को बेहतर करना चाहती हैं और उनके लिए बेहतर माहौल बनाना चाहती हैं। साथ ही सवीरा का कहना है कि अगर वह चुनाव जीत जाती हैं तो वह गरीबों और वंचितों के लिए भी काम करेंगी। सवीरा का कहना है कि डॉक्टर के रूप में सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन देखकर ही उन्हें व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत महसूस हुई और तभी उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया हैं।
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