इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan ) की ओर से कश्मीर (Kashmir) का मुद्दा एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र (UN) में उठाया गया है। साथ ही पाकिस्तान ने यूएन से नाराजगी (resentment) भी जताई है। पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि यूएन ने उसकी ओर से उठाए मसलों (Issues) पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया है। युद्ध प्रभावित इलाकों से नागरिकों के गायब होने के मुद्दे पर बहस के दौरान पाकिस्तान की ओर से ये कहा गया। पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कहा कि कश्मीर में भारत की पुलिस और सुरक्षा बल जो कर रहे हैं, उसे भयावहता की श्रेणी में रखा जा सकता है। हजारों कश्मीरी युवाओं की कोई खबर नहीं है। अगस्त 2019 के बाद से कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों ने 13,000 लड़कों को गायब किया है लेकिन दुनिया इस पर चुप है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अरेरिया फॉर्मूला बैठक में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत उस्मान जादून ने अपने बयान में कहा, ‘हम युद्ध क्षेत्रों से गायब लोगों के मुद्दे पर बात करने के लिए इस मीटिंग को बुलाने का स्वागत करते हैं। पाकिस्तान ने बार बार युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से लोगों की गुमशुदगी का मामला उठाया है। खासतौर से कश्मीर की बात को हमने यूनाइटेड नेशंस के मंचों पर प्रमुखता से उठाया है। पाकिस्तान ने यूएन को बताया है कि हजारों कश्मीरी युवाओं को भारतीय सुरक्षाबलों ने उठाकर गायब किया है।’
‘हजारों कश्मीरी महिलाएं हाफ विडो, यूएन क्यों चुप’
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने आगे कहा, ‘कश्मीर में लगातार जिस तरह से लोगों को उठाकर गायब किया गया है, वो बहुत गंभीर है। कश्मीर में हजारों महिलाएं हैं, जो ये नहीं जानतीं कि उनके पति जिंदा भी हैं या नहीं। इनको कश्मीर में हाफ विडो कहा जाता है। ये गंभीर मानवीय मुद्दा है और हम चाहते हैं कि यूएन और मानवाधिकार की संस्थाएं इस ओर ध्यान दें। ये कहना होगा कि अभी तक बहुत गंभीरता से इस पर बात नहीं हुई है। पाकिस्तान का मानना है कि सशस्त्र संघर्ष में लापता व्यक्तियों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय कानून और जवाबदेही की प्रक्रिया के सख्त कार्यान्वयन की आवश्यकता है।’
पाकिस्तान की ओर से कहा गया कि कश्मीर की हाफ विडो (आधी विधवा) महिलाओं को यह जानने के बुनियादी अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है कि उनके प्रियजन जीवित हैं या नहीं। मौत होने की स्थिति में उन्हें उचित तरीके से दफनाने और शोक मनाने से भी वंचित किया जाता है। पाकिस्तान की ओर से कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश लगातार की जाती रही है लेकिन भारत के प्रतिधिन भी उसको उचित जवाब देते रहे हैं।
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