नई दिल्ली: बाइडेन प्रशासन(Biden Administration) ने F-16 लड़ाकू जेट बेड़े के रखरखाव के लिए पाकिस्तान को 450 मिलियन अमरीकी डॉलर (3600 करोड़ रुपये) सहायता की मंजूरी दे दी है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय (US State Department) ने कहा कि इस वित्तीय सहायता से पाकिस्तान रक्षा क्षेत्र (Pakistan Defense Zone) में अपनी वर्तमान जरूरत को पूरा करने की क्षमता को बनाए रखेगा. अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन एजेंसी (Defense Security Corporation Agency of America) ने बुधवार को इस बारे में सूचना दी.
पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से लड़ाकू जेट एफ-16 के उपकरणों और रखरखाव के लिए इतनी बड़ी सहायता राशि दिया जाना भारत के लिए झटका है. हालांकि, अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि इससे क्षेत्र के सैन्य संतुलन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. साल 2018 के बाद से ये पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से पहली बड़ी सुरक्षा सहायता है. 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता रोक दी थी. ट्रंप ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में पाकिस्तान कोई सहयोग नहीं दे रहा है.
कांग्रेस की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पाकिस्तान को दी जाने वाली इस सुरक्षा मदद में किसी के तरह के नए हथियार और युद्ध सामग्री को शामिल नहीं किया गया है. पेंटागन ने कहा कि इस सुरक्षा सहायता के जरिए पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देगा जिससे अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी.
यूनाइटेड स्टेट गर्वमेंट ने पाकिस्तान को 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर के F-16 जेट के रखरखाव कार्यक्रम को मंजूरी के बारे में कांग्रेस को सूचित किया है. अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान, अमेरिका की आतंकवाद की लड़ाई में एक अहम सहयोगी है और लंबे समय से चली आ रही नीति के तहत, अमेरिकी मूल के उपकरणों के रखरखाव के लिए पैकेज प्रदान करता आया है.
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने आगे कहा, पाकिस्तान का F-16 प्रोग्राम अमेरिका और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों के लिए काफी जरूरी है. अमेरिकी की ओर से दी गई यह सहायता वर्तमान और भविष्य के आतंकवाद विरोधी खतरों से निपटने के लिए पाकिस्तान की क्षमता को बनाए रखेगी. उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करेगा.
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