इस्लामाबाद (Islamabad)। एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Supreme Court decisions) के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान चुनाव आयोग (Pakistan Election Commission-ECP) ने शुक्रवार रात 8 फरवरी, 2024 को होने वाले आम चुनावों के लिए चुनाव कार्यक्रम (Election program for general elections) जारी कर दिया. मतदान प्रक्रिया 19 दिसंबर को शुरू होगी, जब रिटर्निंग अधिकारी (RO) एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे. जल्द ही ईसीपी रिटर्निंग ऑफिसर्स और डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिसर्स की ट्रेनिंग शुरू करेगा।
ईसीपी ने कहा कि यह चुनाव कार्यक्रम नेशनल असेंबली के साथ ही पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान की चार प्रांतीय विधानसभाओं में महिलाओं और गैर-मुसलमानों के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होता है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत जाते हुए कार्यकारी शाखा से आरओ और डीआरओ की नियुक्ति के लिए निर्वाचन आयोग की अधिसूचना को निलंबित कर दिया था।
लाहौर हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा
लाहौर हाई कोर्ट का फैसला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) द्वारा दायर एक याचिका पर जारी किया गया था. पीटीआई ने ही सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में समय पर चुनाव कराने की मांग की थी. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, निर्वाचन आयोग ने लाहौर एचसी के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार की और समय पुर आम चुनाव कराने का आदेश देते हुए लाहौर हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया।
बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर नेशनल असेंबली को उसके 5 साल के कार्यकाल के पूरा होने से 3 दिन पहले भंग कर दिया था. पूर्व सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए निचले सदन को समय से पहले भंग कर दिया कि पाकिस्तान के संविधान के अनुरूप चुनाव 90 दिन बाद निर्धारित हों. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि ईसीपी ने 90 दिनों की समय सीमा का पालन करने में असमर्थता जताई।
8 फरवरी 2024 तक मदान संपन्न कराने पर सहमति
ईसीपी ने कहा कि काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (सीसीआई) द्वारा 2023 डिजिटल जनगणना के परिणामों को मंजूरी देने के बाद उसे निर्वाचन क्षेत्रों के नए सिरे से परिसीमन पर काम करना था. ईसीपी के फैसले के बाद, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और कई अन्य ने समय पर चुनाव कराने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईसीपी और राष्ट्रपति को आपस में विचार-विमर्श करने का आदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप 8 फरवरी 2024 तक चुनाव संपन्न कराने पर आम सहमति बनी।
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