नई दिल्ली । भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच रिश्ते कैसे हैं. यह बात किसी से छुपी नहीं है. ज्यादातर मुद्दों पर पाकिस्तान भारत की आलोचना ही करता है तो वहीं समय-समय पर भारत भी उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद (terrorism) पर लगाम लगाने की हिदायत देता रहता है. इस बीच एक दिलचस्प वाकया सामने आया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने एक मुद्दे पर भारत का साथ मांगा है.
बिलावल भुट्टो ने ग्लोबल वार्मिंग पर रोशनी डालते हुए कहा है कि यह भारत और पाकिस्तान के लिए जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम करना चाहिए. भुट्टो ने ग्लोबल वार्मिंग के कारण पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ का भी जिक्र किया. ये बातें बिलावल ने अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तान के पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि विनाशकारी बाढ़ के कारण पाकिस्तान की स्थिति देखते हुए अब समय आ गया है कि हम भारत के साथ जलवायु परिवर्तन के मसले पर मिलकर काम करें.
पाक के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हमारे देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न है. देश का हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से प्रभावित है. अगर हम यह कह रहे हैं कि ‘जलवायु परिवर्तन’ से लड़ने के लिए अमेरिका और चीन को मिलकर काम करना चाहिए तो हमें (भारत-पाकिस्तान) को भी इस मसले पर मिलकर काम करने के बारे में सोचना चाहिए.
पाकिस्तान में आई बाढ़ का जिक्र किया
पाकिस्तान में आई भयानक आपदा का कारण वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने पिघलते ग्लेशियरों को माना है. बिलावल ने बाढ़ के दौरान अमेरिकी मदद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान के लोगों को 66 मिलियन अमेरीकी डॉलर की मानवीय सहायता का ऐलान किया है. बता दें कि कश्मीर के मसले और पाकिस्तान के जरिए सीमापार होने वाले आतंकवाद को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ संबंध खत्म कर लिए थे.
पाकिस्तान वीटो पावर खत्म करने का पक्षधर
भारत के कदम के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनायिक संबंधों को डाउनग्रेड कर दिया था और भारत के दूत को निष्कासित भी कर दिया था. तब से लेकर अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार भी रुका हुआ है. हाल ही में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट के दावे का विरोध किया था. बिलावल ने कहा था कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो पावर को खत्म करने का पक्षधर है.
जी-4 देशों के प्रयास का भी किया विरोध
बिलावल ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के विस्तार के लिए बने जी-4 देशों भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के समूह के दावे का विरोध करता है. बता दें कि जी-4 समूह सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी सीटों के विस्तार की मांग कर रहा है. ताकि शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र निकाय के और अधिक प्रतिनिधि बनाए जा सकें.
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