नई दिल्ली: बढ़ती महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था और नकदी के संकट से गुजरा रहा पाकिस्तान 2 दिसंबर को एक अरब डॉलर के अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड का भुगतान तय तारीख से तीन दिन पहले करेगा. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक प्रमुख ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. 1.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बांड पुनर्भुगतान 5 दिसंबर को पूरा हो रहा है और मौजूदा आर्थिक कठिनाइयों के कारण डर है कि पाकिस्तान बाहरी देनदारियों पर चूक कर सकता है.
पाकिस्तान स्टेट बैंक के गवर्नर जमील अहमद ने भुगतान का विवरण देते हुए कहा कि एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक समेत बहुपक्षीय और द्विपक्षीय स्रोतों के माध्यम से से अगले सप्ताह मंगलवार तक 500 मिलियन अमरीकी डॉलर की व्यवस्था की गई थी.
2023 के आखिरी तक सुधरेंगे हालात
गवर्नर ने कहा कि नवंबर में 1.8 बिलियन अमरीकी डॉलर के भुगतान के बावजूद, विदेशी मुद्रा भंडार स्थिर था. आंकड़ों से पता चलता है कि 18 नवंबर को केंद्रीय बैंक के पास 7.8 अरब डॉलर थे, लेकिन यह एक महीने के आयात के लिए मुश्किल से ही पर्याप्त हैं.
हालांकि, अहमद ने उम्मीद जताई कि स्थिति में सुधार होगा और जून 2023 में वित्तीय वर्ष के अंत तक देश बेहतर स्थिति में होगा. भुगतान संतुलन से जुड़ी चिंताओं के कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति नाजुक बनी हुई है. वहीं, बढ़ती महंगाई और टैक्स रेवेन्यू के विस्तार में कठिनाइयाँ भी चिंता की अहम वजह है.
पाकिस्तानी सेंट्रल बढ़ा चुका है ब्याज की दरें
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपनी प्रमुख नीतिगत दर को 100 आधार अंकों से बढ़ाकर 16 प्रतिशत कर दिया है, यह फैसला निजी क्षेत्र की वित्तीय जरूरतों को और कम कर देगा. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में आर्थिक समस्याओं की एक वजह नए सेना प्रमुख की नियुक्ति में देरी से भी थी, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई थी. हालांकि, अब नये आर्मी चीफ की नियुक्ति हो गई है, इसलिए माना जा रहा है कि राजनीतिक अनिश्चितता कम होगी, जिससे कारोबारी समुदाय को भरोसा मिलेगा.
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