नई दिल्ली । तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) से अब तक की पूछताछ से साफ है कि उसको मुंबई हमले (mumbai attacks) की हर कड़ी की जानकारी थी। एनआईए (NIA) सूत्रों के मुताबिक, नए डोजियर से पाकिस्तान (Pakistan) को बेनकाब किया जा सकेगा। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ से जो तथ्य मिल रहे है, उससे एनआईए के पास मौजूद सबूत पुख्ता हो रहे हैं। साथ ही जो नए तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर पाकिस्तान को एक नया डोजियर देकर उसकी भूमिका को बेनकाब किया जा सकता है। राणा हमले के साजिशकर्ताओं के साथ पाक की खुफिया एजेंसी के निकट संपर्क में था।
एनआईए की नजर उन लोगों पर भी है, जो तहव्वुर राणा की ट्रैवल एजेंसी के तहत काम कर रहे थे और जिन्होंने हेडली के झूठे दस्तावेज तैयार करने में उसकी मदद की थी। जांच एजेंसी को आशंका है कि राणा की कंपनी में काम करने वाले कुछ लोग पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से भी जुड़े हो सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि तहव्वुर राणा से पूछताछ की दिशा तय हो चुकी है।
सूत्रों ने कहा, एनआईए जानना चा रही है कि क्या राणा ने हमले की साजिश से जुड़े आतंकी दस्तावेज मुहैया कराए थे। यह जांच इसलिए भी अहम है, क्योंकि ट्रैवल एजेंसियों का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय आवाजाही के लिए अहम जरिया होता है।
लश्कर के कैंप में गया था हेडली
बता दें कि डेविड हेडली ने भी अमेरिकी एजेंसियों के सामने स्वीकार किया था कि वह 2002 से 2005 के बीच पांच बार लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंप में गया था। 2005 के अंत में उसे भारत में विभिन्न स्थानों की रेकी करने का निर्देश मिला, जिसे उसने कई बार अंजाम दिया। हेडली के हर दौरे की जानकारी राणा को थी। वह खुद भी लश्कर के सीधे संपर्क में था।
एजेंसियों के पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि राणा को हमले की साजिश की जानकारी थी। उसने इस साजिश को आसान बनाने के लिए सहयोग भी किया। राणा की आवाज में कई सबूत एजेंसी के पास हैं, जिनमें वह अपने राजदारों से मुंबई हमले के बारे में बातचीत कर रहा है। एनआईए वैज्ञानिक तरीके से इसे पुख्ता करने के लिए एफएसएल जांच का सहयोग लेगी।
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