इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में एक 8 साल के बच्चे (8 Year Old Boy) को मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, बच्चे के खिलाफ ईशनिंदा (Blasphemy) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें दोषी के लिए सजा-ए-मौत का भी प्रावधान है. पाकिस्तान (Pakistan) में यह पहला मामला है, जहां ईशनिंदा के आरोप में किसी बच्चे पर मुकदमा चलाया जाएगा. कुछ दिन पहले इस बच्चे को कोर्ट ने जमानत दे दी थी, जिसके विरोध में पंजाब प्रांत के रहीम यार खान जिले में कट्टरपंथियों की भीड़ ने मंदिर (Temple) पर हमला कर दिया था.
पुलिस ने बच्चे का नाम उजागर नहीं किया है. आरोप है कि बच्चे ने मदरसे की लाइब्रेरी में पेशाब कर दिया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. बच्चे को एक हफ्ते जेल में रखने के बाद अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया, जिसके कट्टरपंथी विरोध कर रहे हैं.पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके बच्चे को ईशनिंदा के बारे में कुछ भी नहीं पता है, उसे गलत तरीके से इस मामले में फंसाया जा रहा है. उसे अब भी समझ में नहीं आया है कि उसका अपराध क्या है और क्यों उसे एक हफ्ते तक जेल में रखा गया. पीड़ित परिवार ने आगे कहा, ‘हमने अपनी दुकान और काम छोड़ दिया है. पूरा हिंदू समुदाय डरा हुआ है. हम अब उस इलाके में नहीं लौटना चाहते. हमें नहीं लगता कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कुछ किया जाएगा या अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी’. गौरतलब है कि पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून (Pakistan and Blasphemy Law) की लंबे समय से मानावाधिकार संगठन आलोचना कर रहे हैं. ताजा मामले को लेकर भी उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं, रहीम यार खान जिले के भोंग में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. यहां मंदिर पर हमले के बाद से यहां के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग काफी डरे हुए हैं और अपने घर छोड़कर जा रहे हैं.