इस्लामाबाद (Islamabad) । पाकिस्तान (Pakistan) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने मंगलवार को सकारात्मक संदेश देते हुए कहा कि उनका देश निरंतर शत्रुता में विश्वास नहीं करता है और भारत (India) की नई सरकार से इस्लामाबाद (Islamabad) के साथ अपने भविष्य के संबंधों पर गंभीर चिंतन करने का आग्रह किया. इस्लामाबाद के सामरिक अध्ययन संस्थान (आईएसएसआई) में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए 74 वर्षीय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अच्छे पड़ोसी संबंधों की तलाश में रहा है.
डार ने कहा, “हमारे पूर्व में भारत के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से अशांत रहे हैं. पाकिस्तान निरंतर शत्रुता में विश्वास नहीं करता है. हम आपसी सम्मान, संप्रभु समानता और लंबे समय से चले आ रहे जम्मू-कश्मीर विवाद के न्यायसंगत और शांतिपूर्ण समाधान के आधार पर भारत के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं.”
विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से ही सभी लंबित मुद्दों को शामिल करते हुए बातचीत के माध्यम से रचनात्मक जुड़ाव के लिए ग्रहणशील रहा है, लेकिन पाकिस्तान कभी भी एकतरफा दृष्टिकोण या भारत की इच्छा या आधिपत्य को थोपने के प्रयासों के लिए सहमत नहीं होगा. उन्होंने कहा, “हम दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे और भारत में हिंदुत्व से प्रेरित शासन द्वारा किसी भी गैर-विचारित सैन्य दुस्साहस का प्रभावी और निर्णायक रूप से जवाब देंगे.”
डार ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से पाकिस्तान के साथ संबंधों पर विचार करने का भी आग्रह किया. डार ने कहा, “हमारे विचार में, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत के साथ यह भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य और पूरे क्षेत्र को प्रभावित करने वाले क्रॉस-कटिंग मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने का समय है.”
‘चुनौतियों का मुकाबला करना समझदारी होगी’
उन्होंने कहा, “5 अगस्त, 2019 को भारत की अवैध और एकतरफा कार्रवाइयों ने द्विपक्षीय संबंधों के माहौल को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है. सभी मुद्दों पर उद्देश्यपूर्ण जुड़ाव और परिणामोन्मुखी संवाद के लिए सक्षम वातावरण बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भारत पर है. दक्षिण एशिया मानवता के पांचवें हिस्से से अधिक लोगों का घर है. यह क्षेत्र गरीबी, बेरोजगारी, निरक्षरता, बीमारी, खाद्य असुरक्षा, जल की कमी, प्राकृतिक आपदाएं, पर्यावरण क्षरण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित कई चुनौतियों से घिरा हुआ है. एक-दूसरे से लड़ने के बजाय, दक्षिण एशियाई देशों के लिए इन चुनौतियों का मुकाबला करना समझदारी होगी. हम न केवल आर्थिक रूप से सबसे कम एकीकृत क्षेत्र हैं, बल्कि मानव विकास के लगभग सभी सूचकांकों में सबसे निचले पायदान पर हैं.”
‘पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने का प्रयास किया’
उन्होंने दावा किया कि क्षेत्रीय सहयोग और इन असंख्य चुनौतियों से निपटने के लिए एकमात्र व्यवहार्य मंच, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) “एक सदस्य देश की हठधर्मिता” के कारण अवरुद्ध बना हुआ है. उन्होंने कहा, “दक्षिण एशिया में राजनीतिक नेतृत्व का अपने लोगों और भावी पीढ़ियों के प्रति यह दायित्व है कि वे विवेक के साथ काम करें और क्षेत्रीय संबंधों और आपसी सहयोग में एक नया अध्याय लिखें.” डार ने कहा कि पाकिस्तान के दृष्टिकोण की अवधारणा शांतिपूर्ण पड़ोस नीति में निहित है. डार ने दावा किया कि पाकिस्तान ने अपने निकटवर्ती और विस्तारित पड़ोस के सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण, सहयोगात्मक और अच्छे पड़ोसी संबंध बनाने का लगातार प्रयास किया है.
चीन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय दोस्त चीन है. चीन के साथ हमारी सदाबहार रणनीतिक सहकारी साझेदारी पाकिस्तान की विदेश नीति की आधारशिला है. यह क्षेत्र और उससे परे स्थिरता का एक कारक भी है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा एक परिवर्तनकारी परियोजना है जो पाकिस्तान के आर्थिक बदलाव के साथ-साथ क्षेत्रीय समृद्धि में भी योगदान दे रही है.”
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