इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Former President Asif Ali Zardari) और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी (former Prime Minister Yousuf Raza Gilani) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाखाना मामले (Toshakhana case) में जरदारी और गिलानी को 24 अक्तूबर को अपने समक्ष पेश होने के लिए समन (court summoned) जारी किया है। पाक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह समन 2008 से 2013 तक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सरकार के दौरान फर्जी बैंक खातों और सरकारी उपहार भंडार के कथित गलत इस्तेमाल से संबंधित मामलों में उनकी संलिप्तता के संबंध में जारी किया गया है। जिसे तोशखाना के नाम से जाना जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के प्रशासनिक न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने दोनों नेताओं के लिए समन जारी किया और उन्हें व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया। पूर्व राष्ट्रपति जरदारी को भी फर्जी बैंक खाता मामले में 24 अक्तूबर को जवाबदेही अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
वर्ष 2020 में, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने जरदारी, गिलानी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी मेहमानों द्वारा उपहार के रूप में भेंट की गई तीन लक्जरी गाड़ियों को जरदारी और नवाज शरीफ को अपने पास रखने की अनुमति देकर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। एनएबी ने दावा किया है कि गिलानी ने नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए तोशाखाना में उपहार जमा करने से संबंधित प्रक्रियाओं में ढील दी और अपने व्यक्तिगत लाभ और हित के लिए अवैध तरीकों से मामूली भुगतान पर वाहनों को उनके पास रखने दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जरदारी ने ओमनी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और उनके बेटे के बैंक खातों से वाहनों के लिए भुगतान किया, जिसके लिए उनके पास कोई उचित आधार नहीं है। जांच के दौरान पाया गया कि आरोपियों द्वारा यह रकम गलत तरीके से अर्जित की गई थी।
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