इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने दावा किया है कि जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से इनकार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक जाधव ने मर्सी पिटीशन पर ही आगे बढ़ने का फैसला किया है। पाकिस्तान का दावा है कि उसने जाधव को दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने का ऑफर रखा है। हालांकि कुलभूषण जाधव के परिवार की तरफ से इस मामले में कोई बयान नहीं आया है। इससे पहले इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस से जाधव को राहत मिल चुकी है।
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में दूसरी बार काउंसुलर एक्सेस देने का प्रस्ताव भारत को भेजा है और जाधव के पिता तथा उनकी पत्नी को मिलने की अनुमति दी गई है। पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने जाधव को 17 जून को रिव्यू पिटीशन फाइल करने को कहा गया था, लेकिन जाधव ने मना कर दिया। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस बाबत भारतीय उच्चायोग को लिखित सूचना दी है। पाकिस्तान ने दूसरा काउंसुलर एक्सेस ऑफर किया है। पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में जाधव के मामले में किसी भी तरह के समझौते से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि आईसीजे के फैसले को लागू करने को लेकर संविधान के अनुसार ही कोई कदम उठाया जाएगा।
बता दें कि जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। बाद में भारत जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान करने से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंचा था, जहां पर उसके पक्ष में फैसला आया था। आईसीजे ने पाकिस्तान से जाधव की सजा की समीक्षा करने और उन्हें जल्द से जल्द काउंसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया था। तबसे भारत इस आदेश को लागू कराने की कोशिश में पाकिस्तान के संपर्क में बना हुआ है।
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