लाहौर (Lahore)। पाकिस्तान की अदालत (Pakistan court) ने ईशनिंदा (Blasphemy) करने पर एक ईसाई व्यक्ति (Christian person) को मौत की सजा सुनाई गई है। आरोपित व्यक्ति ने इंटरनेट मीडिया पर ईशनिंद संबंधी पोस्ट किया था। आरोप है कि पिछले वर्ष इस पोस्ट के कारण भीड़ भड़क उठी थी। भीड़ ने फैसलाबाद की जरांवाला तहसील में 24 चर्च और ईसाइयों के 80 से अधिक घरों (24 churches and more than 80 houses of Christians) को आग के हवाले कर दिया था।
घटना के बाद, पुलिस ने 200 से अधिक मुसलमानों को हिरासत में लिया था। हालांकि, उनमें से किसी को भी अब तक दोषी नहीं ठहराया गया है। उनमें से 188 को अदालत ने या तो उनके खिलाफ सुबूत के अभाव में या जमानत पर रिहा कर दिया हैं। आतंकवाद निरोधक अदालत के विशेष न्यायाधीश (साहिवाल) जियाउल्लाह खान ने शनिवार को अहसान राजा मसीह के खिलाफ मौत की सजा सुनाई और उस पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने सोमवार को खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन और अन्य को चेतावनी दी कि अगर वे आठ जुलाई को सुनवाई पर पेश होने में विफल रहे तो उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाएगा। एटीसी न्यायाधीश ताहिर अब्बास ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ दायर दो मामलों की सुनवाई के दौरान यह चेतावनी जारी की है।
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