इस्लामाबाद। कर्ज के लिए दर-दर ठोकरें खा रहे पाकिस्तान की हेकड़ी ढीली होती दिखाई दे रही है। करीब पांच वर्षों बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार संबंधों की बहाली की इच्छा जताई है। विदेश मंत्री मुहम्मद इसहाक डार ने कहा, पाकिस्तान गंभीरता के साथ भारत से व्यापार संबंधों को फिर बहाल करने पर विचार कर रहा है। डार का यह बयान पड़ोसी देश के साथ राजनयिक रुख में संभावित बदलाव का संकेत देता है। भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंध अगस्त, 2019 से निलंबित हैं।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रसेल्स में परमाणु ऊर्जा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद डार ने लंदन में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इसका संकेत दिया कि नकदी संकट से जूझ रहे उनके देश का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ कारोबार फिर शुरू करने का इच्छुक है। विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा, पाकिस्तानी कारोबारी चाहते हैं कि भारत के साथ व्यापार बहाल हो। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने डार के हवाले से कहा, हम भारत के साथ व्यापार के मामलों को गंभीरता से देखेंगे।
अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद राजनयिक संबंध हुए शिथिल
भारत सरकार की तरफ से अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण, जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने व राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ अपनी राजनयिक गतिविधियां काफी कम कर दी थीं। पाकिस्तान कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की जिम्मेदारी भारत पर है। वह वार्ता के लिए भारत के समक्ष कश्मीर के संबंध में हुए निर्णयों की वापसी की शर्त रखता रहा है। हालांकि, भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान को साफ तौर पर कह दिया है कि जम्मू-कश्मीर व लद्दाख देश का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा।
भारत ने आतंक व शत्रुतामुक्त वातावरण बनाने की रखी शर्त
भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध रखने का इच्छुक है। हालांकि, इसके लिए पाकिस्तान को आतंक और शत्रुता मुक्त वातावरण का निर्माण करना होगा। हालांकि, तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद दोनों देशों ने फरवरी 2021 में नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम संबंधी समझौते का नवीनीकरण किया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का पीएम बनने पर शुभकामनाएं दी थी, जिसके बाद राजनयिक संबंधों पर जमी बर्फ के पिघलने की उम्मीद जगी थी। शरीफ ने शुभकामनाओं के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद भी दिया था।
भगत सिंह को न्याय दिलाने के लिए समर्थकों ने उठाई आवाज
पाकिस्तान में स्वतंत्रता संग्राम के नायकों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की 93वीं बरसी पर शनिवार को उनके समर्थकों और अनुयायियों ने उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनका केस दोबारा खोलने की मांग की है। 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश शासकों ने शासन के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाने के बाद शादमान चौक पर भगत सिंह, राजगुरु, सुख देव को फांसी दे दी थी। पाकिस्तान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे समर्थकों ने भगत सिंह के लिए न्याय की मांग की है।
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