नई दिल्ली: मौजूदा समय में पाकिस्तान नकदी संकट से जूझ रहा है. पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इसलिए पकिस्तान ने अपने नकदी संकट को दूर करने के लिए विदेशी कर्जों के पेमेंट के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) को एक फाइनेंशियल प्लान सौंपा है, जिसमें 8 अरब डॉलर का इंतजाम किया जा सके. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ को 6 अरब डॉलर के बजाय 8 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज के पेमेंट का इंतजाम करने की जानकारी दी है. IMF की 12 जुलाई को होने वाली बैठक में इमरजेंसी एग्रीमेंट की समीक्षा की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक, आईएमएफ को सौंपी गई फाइनेंसिंग प्लान में चीन से 3.5 अरब डॉलर मिलने की बात कही जा रही है. इसके अलावा सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से क्रमशः 2 अरब और एक अरब डॉलर पाकिस्तान को मिल सकते है. इससे पाकिस्तान को अपना कर्ज चुकाने में काफी मदद मिल सकती है. इसके साथ पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक से 50 करोड़ डॉलर और एशियाई बैंक (AIIB) से भी 25 करोड़ डॉलर मिलने की बात सामने आ रही है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के अफसरों का कहना है कि जिनेवा में हुई कॉन्फ्रेंस के दौरान सहमति जताए गए 35 करोड़ डॉलर भी पाकिस्तान को मिल सकते हैं.
आईएमएफ का चौथा कर्जदार बन जाएगा पाक
पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच 29 जून को आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर देने के लिए एक इमरजेंसी एग्रीमेंट हुआ था. मॉनिटरी फंड के निदेशक मंडल की 12 जुलाई को होने वाली बैठक में इमरजेंसी एग्रीमेंट की समीक्षा की जाएगी. हालांकि इसके साथ ही पाकिस्तान आईएमएफ का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार बन जाएगा.
जानिए क्यों बढ़ रही मुश्किलें
वित्तीय संकट से उबरने के प्रयास में लगी पाकिस्तान सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही में डोमेस्टिक कमर्शियल एवं शरीयत की ओर से चलाई जा रही बैंकों से 11.10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा हुआ है. पाकिस्तान पिछले 1 साल से जबरदस्त इकोनॉमिक और पॉलिटिकल संकट के दौर से जूझ रहा है. इस पड़ोसी मुल्क में महंगाई ने भी लोगों की कमर तोड़ दी है. पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने का हर सामानों कीमतें आसमान छू रही है. वहीं, पूर्व पीएम इमरान खान के बगावती तेवरों से शहबाज शरीफ सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, जो कि कम होने की नाम ही नहीं ले रही हैं.
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