नई दिल्ली (new Delhi) । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) मामले में कूटनीतिक मोर्चे पर पस्त पाकिस्तान (Pakistan) अब भी सरकार, सोशल मीडिया (social media) और मुख्य धारा की मीडिया के जरिए दुष्प्रचार करने से बाज नहीं आ रहा है। हर साल की तरह इस साल भी पाकिस्तान ने गुरुवार से दुष्प्रचार के सहारे कश्मीर मामले में दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने में जुटा है। इस बार भी दो जनवरी से नौ जनवरी तक संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह के निर्देश को ढाल बना कर कश्मीर मामले में व्यापक दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान की पासबान-ए-हुरियत पार्टी दुष्प्रचार में अहम भूमिका निभा रही है। पाकिस्तान यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, रूस सहित कई देशों में अलग-अलग समूह प्रदर्शनों के जरिए दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में संपत्ति जब्त करने, निर्दोष लोगों की हत्या करने जैसी झूठी बातें फैला रहा है।
हर साल आत्मनिर्णय दिवस का नाटक
जम्मू-कश्मीर के भारत का अंग बनने के बाद पाकिस्तान 5 जनवरी 1949 से हर साल तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र संघ के जनमत सर्वेक्षण के फैसले का हवाला देते हुए आत्मनिर्णय दिवस की घोषणा करता है। इसके तहत योजनाबद्ध तरीके से पाक अधिकृत कश्मीर, पाकिस्तान के कई हिस्सों और दुनिया के कुछ देशों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिससे दुनिया का ध्यान इस मुद्दे के प्रति आकर्षित हो।
खुद कटघरे में पाकिस्तान…
पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल जीडी बक्शी के मुताबिक, नब्बे के दशक के पहले इस मुद्दे पर पाकिस्तान की बात विश्व मंच पर सुनी जाती थी। हालांकि अब जिस तरह पाकिस्तान ने आतंकवाद के बीज बोए, उससे परिस्थिति बदल गई। दुनिया को पाकिस्तान की हकीकत का पता चल गया। यही कारण है कि अब उसके दुष्प्रचार को अहमियत नहीं मिल रही।
कश्मीर पर कहां खड़ा है पाकिस्तान?
तीन साल पहले साल 2019 में जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किया गया और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया तब पाकिस्तान ने बहुत शोर मचाया। हालांकि उसे मुस्लिम देशों से भी समर्थन नहीं मिला। उल्टे यूएई ने जम्मू-कश्मीर में निवेश की पेशकश की।
विदेश मंत्रालय ने पाक पीएम को लताड़ा
विदेश मंत्रालय ने कश्मीर पर ट्वीट को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को जमकर लताड़ लगई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत का मामला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने दोहराया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अविभाज्य और अभिन्न अंग है। अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत के साथ-साथ हमारे संविधान का मामला है।
पाक पीएम शरीफ ने ट्विटर पर कहा था कि दक्षिण एशिया में शांति और विकास कश्मीर विवाद के समाधान से जुड़े हैं। इस पर बागची ने कहा, चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अमन-चैन जरूरी है। इससे पहले नए चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने कहा था कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमा गतिरोध को कम करने के इच्छुक हैं।
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