नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) में यह खबर तेजी से फैली हुई है कि पाकिस्तान के कब्जेवाले गुलाम कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir or Gulam Kashmir) स्थित गिलगिट-बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) को पाकिस्तान और चीन (Pakistan and China) मिलकर अपना उपनिवेश बनाना चाहते हैं। इसीलिए 1947 में अवैध कब्जे के इतने सालों बाद अब वहां पाकिस्तानी सेना की शह पर बनी इमरान खान की सरकार ने चुनाव कराकर गिलगिट-बाल्टिस्तान को अपने अधीन करने की साजिश है।
आजादी की मांग करने वाली गिलगिट-बाल्टिस्तान की एक स्थानीय पार्टी के संस्थापक नवाज खान नाजी ने कहा कि सबको पता है कि इमरान खान की पार्टी को सेना का समर्थन हासिल है। इसलिए वही चुनाव जीतेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने इतने सालों में कोई विकास कार्य नहीं कराया है लेकिन अब बड़े-बड़े दावे कर रही है। वहीं गिलगिट-बाल्टिस्तान इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष सेंगे सेरिंग ने कहा कि यह क्षेत्र कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह जम्मू और कश्मीर का क्षेत्र है। गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोगों ने देखा है कि बलूचिस्तान के लोगों को कभी भी सुकून से जीने का अधिकार नहीं मिला। वहां पर कोई विकास नहीं हुआ है। भारत भी गिलगिट-बाल्टिस्तान पर इमरान खान सरकार के कदमों पर बारीकी से नजर रख रही है। बीते दिनों भारत ने गिलगिट बाल्टिस्तान को पांचवें प्रांत का दर्जा देने की पाकिस्तान की हरकत पर सख्त आपत्ति जताई थी।
भारत ने इमरान खान की सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान उन इलाकों से बाहर निकल जाए, जिन पर उसने अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत अपने किसी भी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति बदलने की पाकिस्तानी सरकार की कोशिशों का विरोध करता है। गुलाम कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और भविष्य में भी रहेगा। पाकिस्तान सरकार का इन इलाकों पर कोई अधिकार नहीं है।
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