नई दिल्ली: रूस ने पाकिस्तान की पिछली सरकार के उस दावे का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान और रूस के बीच रियायती दरों पर ईंधन तेल और गेहूं की खरीद को लेकर कोई समझौता किया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता से हटने के बाद से बार-बार ये दावा किया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार रूस से सस्ता तेल खरीद रही थी और इस संबंध में उनकी सरकार ने रूस को एक पत्र भी लिखा था.
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में रूस के राजदूत दानिला गनिच ने इमरान खान के दावों का खंडन किया है. रूसी राजदूत ने कहा है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान केवल पाकिस्तानी और रूसी अधिकारियों के बीच बातचीत हो रही थी, कोई समझौता नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ सरकार के दौरान भी वो बातचीत जारी है.
दानिला गनिच ने इमरान खान के दावों का खंडन करते हुए कहा, ‘मैं पुष्टि करता हूं कि पाकिस्तान के साथ सस्ते दामों पर गेहूं और तेल के व्यापार को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है.’ यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों को देखते हुए पाकिस्तान भी रूस से व्यापार नहीं कर पा रहा है. रूस प्रतिबंध के कारण डॉलर में व्यापार नहीं कर सकता इसलिए भारत की तरह ही पाकिस्तान भी व्यापार के नए रास्ते तलाश रहा है.
पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान रूसी तेल और गेहूं के आयात के लिए वस्तु-विनिमय प्रणाली अपनी सकता है. इसके तहत पाकिस्तान रूसी सामानों की कीमत के बदले में उसी कीमत के अन्य दूसरे सामान रूस को देगा.
भारत ने जब रूस पर प्रतिबंधों के बावजूद भी रूस से व्यापार जारी रखा तो बहुत से देशों ने उसकी आलोचना की थी लेकिन भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति से पीछे नहीं हटा. उसी तरह पाकिस्तान का भी कहना है कि राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए व्यापार के लिए उसकी एक खुली नीति है. पिछले महीने पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता असीन इफ्तिखार ने कहा था, ‘हमारी नीति स्पष्ट है. आर्थिक और व्यापार संबंधों के बढ़ाने के संदर्भ में, हमारी एक खुली नीति है, जो राष्ट्रीय हित से प्रेरित है. जहां भी हम देखते हैं कि देश को फायदा हो रहा है, हम उसी रास्ते पर चलते हैं.’
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