नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) शासन और ताजिकिस्तान (Tajikistan) के बीच बढ़ते तनाव (Tensions) के मद्देनजर पाक ने की मध्यस्थता की कोशिश (Pak tries to mediate) की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तनाव कम करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।”
डॉन न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है ताजिक बलों ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों में परेड आयोजित की और तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्वोत्तर पड़ोसी के साथ सीमा पर हजारों लड़ाकों को भेजा।
ताजिकिस्तान ने तालिबान शासन पर कड़ा रुख अपनाया है और इसके द्वारा किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन खासकर पंजशीर प्रांत में किए गए कृत्यों की आलोचना की है।
खान ने 18 सितंबर को ताजिकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से लौटने पर घोषणा की थी कि वह अन्य जातियों के लोगों को शामिल करके एक समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान को राजी कर रहा है। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति इमोमाली के साथ अपनी बातचीत का खास जिक्र किया था।
पिछले हफ्ते एक साक्षात्कार में, अफगान उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी ने कहा, “हम किसी भी पड़ोसी देश को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे।”
ताजिक अफगानिस्तान में दूसरी सबसे बड़ी जातीय आबादी हैं और ये लोग अफगानिस्तान की आबादी का लगभग 27 प्रतिशत हैं। इस बीच, तालिबान का विरोध करने वाले अधिकांश समूहों ने ताजिकिस्तान में शरण ली है।
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