लखनऊ। एसटीएफ मेरठ (Meeruth STF) ने शामली के मोहल्ला नोकुआं में छापेमारी की और छह दिन पहले पाकिस्तान की जेल (Jail) से रिहा हुए कलीम को हिरासत में ले लिया। टीम ने करीब दस घंटे तक कलीम से पूछताछ की। उसके पास से दो मोबाइल सिम और उर्दू में लिखे दस्तावेज मिले जो उसने वॉट्सऐप (Watsapp) के जरिये पाकिस्तान (Pakistan) भेज रखे थे। सेना (Indian Army) से जुड़े फोटो भी भेजे गए थे।
दिया था ये टास्क
पाकिस्तान में रहने वाले रिश्तेदारों से मुलाकात के दौरान कलीम की पहचान आईएसआई से जुड़े लोगों से हुई थी. उसे पैसों का लालच देकर भारत में जेहाद फैलाने के लिए असलहा, गोला बारूद और पैसा देने का वादा किया गया. इसके अलावा आईएसआई ने कलीम को शरीयत कानून लागू करने के लिए लोगों को जोड़ने का टास्क दिया था.
राफेल से जुड़ी तस्वीरें भेजी
आईएसआई एजेंट कलीम के मोबाइल से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कैसे आईएसआई ने उत्तर प्रदेश में अपना स्लीपर सेल का जाल फैलाया हुआ है. आईएसआई भारत में दंगे करवाना चाहता था. आज तक/इंडिया टुडे के पास पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अफसर के वो चैट्स मौजूद हैं जिसमें लाहौर में बैठा ISI का अफसर दिलशाद मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज कलीम से बात कर रहा है. पाकिस्तानी एजेंसी उत्तर प्रदेश में सेना के ठिकानों की जासूसी, राफेल विमान की जासूसी और जानकारी जुटा रही थी. कलीम ने ISI अफसर दिलशाद को सेना के ठिकानों की कई तस्वीरें और राफेल विमान से जुड़ी कई खबरें भेजी थीं.
भारत सेना के फोटोग्राफ भभी भेजे
पुलिस के बड़े अधिकारी ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर STF ने कार्रवाई की। टीम ने 6 दिन पहले ही पाकिस्तान की जेल से छूट कर आए शामली के नोकुआं के रहने वाले नफीस के बेटे कलीम को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ की गई, तो उसने खुद के ISI आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात स्वीकार की। जांच में सामने आया है कि कलीम अपने भाई तस्लीम के साथ ISI के सदस्यों को वॉट्सऐप पर भारत सेना के फोटोग्राफ भेजते थे। प्राप्त मोबाइल नंबरों का आईपी एड्रेस भी लाहौर शहर का पाया गया है।
चैट में मिले जासूसी के सबूत
जैसी ही पुलिस की रेड पड़ी तो उत्तर प्रदेश में मौजूद स्लीपर सेल में हड़कंप मच गया और तुरंत इसकी जानकारी ISI अफसर को दी गई. एक चैट में ISI एजेंट बता रहा है, ‘मेरे घर पर पड़ा पुलिस का छापा’. चैट्स के मुताबिक ISI अफसर दिलशाद मिर्जा पाक अधिकृत कश्मीर का चक्कर भी लगा रहा है. शामली से गिरफ्तार कलीम पाकिस्तान से कई बार तस्करी करके हथियार भी भारत लेकर आया था. FIR के मुताबिक पाकिस्तान से आए हथियारों से आम लोगों पर हमले करना और दहशत फैलाना मकसद था.
भाई भी है तस्कर
पकड़े गए कलीम का भाई तहसीम पुराना आर्म्स डीलर है जिस पर पंजाब राजस्थान उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हथियारों की तस्करी के मुकदमे दर्ज है.तहसीम राजस्थान के अनूपगढ़ में आर्मी के बटालियन की फोटो, अखबारों में छपने वाली राफेल विमान की फोटो और अखबार की कटिंग आईएसआई को भेज रहा था.इसके अलावा वह पाकिस्तान में बैठे आईएसआई हैंडलर दिलशाद उर्फ मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज से सीधे बात करता था. तहसीम की तलाश में यूपी STF की टीमें लगाई गई हैं.
भारत में मुजाहिद्दीन की जमात बनने की थी तैयारी
जांच में सामने आया है कि कुछ व्यक्तियों के समूह अलग-अलग शहरों में आपराधिक षडयंत्र के तहत आम जनता पर अवैध हथियारों से हमले की योजना के उद्देश्य से काम कर रहे हैं। यही नहीं, लोगों को भारत में जिहाद फैलाने के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। आरोपी भारत में मुजाहिद्दीन की जमात बनने की तैयारी में थे।
ISI ने दिया था लालच
SSP का कहना है कि पूछताछ में पता चला है कि आरोपी कलीम अक्सर पाकिस्तान अपनी बुआ के यहां जाता रहता था। उसकी ISI के कुछ हैंडलरों और सदस्यों से जान पहचान थी। रुपयों का लालच देकर ISI ने उसे फंसा लिया था। कहा था कि तुम्हें हथियार, गोला-बारूद दिया जाएगा। भारत के विभिन्न स्थानों पर दंगा कराओ, ताकि भारत में शरीयत कानून के तहत नए सिस्टम को स्थापित कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके। वहीं पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की वैधानिक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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