दावोस (davos) । हमेशा से भारत के खिलाफ जहर उगले वाली पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी खार (Hina Rabbani Khar) ने गुरुवार को एक बार फिर जहर ही उगला है। हिना रब्बानी खार (Hina Rabbani Khar) कहा कि उनके देश को दोनों देशों के बीच शांति की दिशा में काम करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में एक ‘‘सहभागी” नहीं दिखता है, लेकिन इसने उनके पूर्ववर्तियों मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी (Manmohan Singh and Atal Bihari Vajpayee) में एक सहभागी देखा था।
बता दें कि पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में उन्हें सहयोगी नजर नहीं आता है। इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की इच्छा जताई थी, हालांकि बाद में उनके कार्यालय ने उसमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को पुन: लागू करने की शर्त रख दी है।
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पूर्व में विदेश मंत्री पद पर रह चुकीं हिना ने कहा कि मोदी में पाकिस्तान से सहयोग बढ़ाने का वह भाव नजर नहीं आता जो उनके पूर्ववर्तियों- मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी में नजर आता था। हिना इन दिनों दावोस में हो रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। मंच के एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि जब वह विदेश मंत्री के रूप में भारत गई थीं तब उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी और उसका अच्छा नतीजा भी आया था। लेकिन अब 2023 में स्थिति अलग है।
वहीं हिना रब्बानी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में हालात बदल गए हैं। हमारे संबंधों में शत्रुता का भाव पैदा हो गया है। जबकि हम जानते हैं कि दोनों देशों की भौगोलिक स्थिति नहीं बदली जा सकती है, हम पड़ोसी हैं। जो स्थिति है वह दक्षिण एशिया की समस्या नहीं है। वह भारत और पाकिस्तान की समस्या है जिसके लिए भारत जिम्मेदार है। जरूरत चुनाव जीतने की इच्छा छोड़कर दोनों देशों के बीच शांति कायम किए जाने की है। प्रधानमंत्री मोदी अपने देश के लिए अच्छे हो सकते हैं लेकिन पाकिस्तान को उनमें अपना सहयोगी नजर नहीं आता है।
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