उज्जैन। हर साल महाकाल मंदिर में स्थित पूरे परिसर के अन्य मंदिरों की रंगाई पुताई की जाती है। सावन शुरु होने में अब दो दिन ही बाकी रह गए हैं लेकिन मंदिर परिसर में मौजूद मंदिरों की रंगाई-पुताई नहीं हो पाई है। कई मंदिरों के गुंबद और शिखर बगैर सफाई के ही रह गए हैं।
सावन भादौ मास में महाकाल में भक्तों की भारी उमड़ती है। कोरोना के कारण इस बार हालांकि सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। 25 जुलाई से सावन महीना शुरु हो रहा है और 26 को महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। परंपरा रही है कि सावन महीने के करीब 15 दिन पहले ही महाकाल मंदिर के पूरे परिसर में दीवारों से लेकर छोटे-बड़े मंदिरों की रंगाई-पुताई की जाती है। इतना ही नहीं महाकाल मंदिर के मुख्य शिखर से लेकर छोटे मंदिरों के शिखरों की भी साफ-सफाई की जाती है। कोटितीर्थ कुंड की सफाई के साथ-साथ इसके चारों ओर बने छोटे मंदिरों पर रंगरोगन किया जाता है। परंतु इस बार पूरे मंदिर परिसर में कहीं भी अन्य मंदिरों की रंगाई-पुताई और शिखरों की सफाई नहीं हो पाई है। इसके पीछे मंदिर समिति से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि महाकाल विस्तारीकरण योजना का काम चल रहा है। इस वजह से इस बार समय रहते मंदिर परिसर के अन्य छोटे मंदिरों में रंगाई-पुताई नहीं हो पाई है। इसी के चलते सावन में नई रंगाई पुताई और साज सज्जा मंदिर परिसर में इस बार नजर नहीं आ रही है।
ट्रेन के आगे कूदे युवक के परिजनों के पुलिस ने बयान लिए
उज्जैन। दो दिन पहले हरिफाटक पुल के नीचे टे्रन के आगे कूदकर कोट मोहल्ला निवासी आयुष पिता महेश सूर्यवंशी उम्र 20 साल ने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने बताया कि मृतक नशा करने का आदी था और आत्महत्या का कारण पता नहीं चल पाया है। इधर पुलिस ने उसके दोस्तोंं से पूछताछ की लेकिन उनसे भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस का कहना है कि अब फिर उसके परिजनों से पूछताछ कर बयान लिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व भी चिंतामण ब्रिज से लटक कर एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी।
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