• img-fluid

    मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान, क्या मिशन-2024 के लिए BJP का है बड़ा सियासी दांव?

  • January 26, 2023

    लखनऊ (Lucknow) । केंद्र सरकार (central government) ने समाजवादी पार्टी के सर्वेसर्वा रहे स्व. मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान (Padma Vibhushan Award) देकर सियासी सूरमाओं को हतप्रभ कर दिया है। संकेतों व सरोकारों की सियासत करने वाली भाजपा ने यह सियासी दांव यूं ही नहीं चला। सियासी जानकार इसे मिशन-2024 के मद्देनज़र मुलायम की विरासत (Mulayam’s legacy) को हासिल करने की हसरत के रूप में देख रहे हैं।

    मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने वर्ष 1990 के दौर में अपनी सियासी जमीन भाजपा व संघ के कड़े विरोध के आधार पर बनाई। इसी के बलबूते वह मुस्लिमों के एक मात्र नेता के रूप में स्थापित हुए। उसी भाजपा ने उन्हें सम्मान से नवाज़ कर वैसे तो सियासी परंपरा व अदावत से ऊपर उठकर काम किया है लेकिन इसे सियासी नजरिये से किया फैसला करार दे रहे हैं।


    प्रदेश की राजनीति में 15 साल का सूखा झेलने वाली भाजपा ‘सबका साथ सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ 2017 में सियासत में उतरी थी। उसने इसके साथ एक और फार्मूला अपनाया, वह था गैर-यादव व गैर-जाटव वोट बैंक। इसके पीछे भाजपा का मानना था कि पिछले 15 वर्षों में सत्ता का स्वाद कुछ खास जातियों ने ही चखा। भाजपा को इसका लाभ भी मिला और वह अप्रत्याशित बहुमत (unexpected majority) के साथ 325 सीटें जीतकर सरकार बनाने में सफल रही।

    वर्ष 2017 के विधानसभा और वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के पहले भी मुलायम सिंह यादव मौका-बे-मौका यह कहते सुने गए कि भाजपा को जीतने से कोई रोक नहीं सकता लेकिन वर्ष 2019 के चुनाव हों या फिर वर्ष 2022 का चुनाव तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा के लिए यादव वोट कमोबेश अछूता ही रहा। लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर भाजपा ने यादव वोट बैंक में थोड़ी बहुत सेंध लगाई, लेकिन वर्ष 2022 के चुनाव में अखिलेश से मिली चुनौती और हाल ही में हुए मैनपुरी लोकसभा चुनावों ने साफ कर दिया कि यादव वोट बैंक सपा के साथ खड़ा है।

    भाजपा शिवपाल तो कभी मुलायम की बहू अपर्णा यादव के जरिये पार्टी में मतभेद को अपने पक्ष में भुनाती रही है। बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को शिवपाल सिंह से अखिलेश के मतभेद का फायदा मिला। वर्ष 2019 के चुनाव में फिरोजाबाद लोकसभा जैसी सीट पर प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे की हार इसका साफ प्रमाण है। भाजपा कई बार विभिन्न मंचों से संदेश भी देती रही है कि अखिलेश, मुलायम सिंह की विरासत को सही से संभाल नहीं पा रहे।

    भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इस मुद्दे पर सधे कदम उठाता रहा है। मुलायम सिंह के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव की शादी में पीएम नरेंद्र मोदी का इटावा जाना या मुलायम के निधन पर अमित शाह का उन्हें श्रद्धांजलि देना या योगी मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्रियों का उनकी अंत्येष्टि में शामिल होना। पार्टी ने परंपरा से हटकर संदेश देने की कोशिश की कि मुलायम सिंह उनके लिए श्रद्धेय थे। यही नहीं मार्च में 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी और मुलायम सिंह की नजदीकियां जिसने भी देखी और समझीं हो, उनके लिए यह फैसला समझना और आसान होगा। फिलहाल, भाजपा का यह दांव कितना कारगर होगा यह मिशन-2024 के नतीजे बताएंगे।

    Share:

    पाकिस्तान के क्वेटा शहर में गैस रिसाव से 16 लोगों की मौत

    Thu Jan 26 , 2023
    कराची (Karachi) । पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा शहर में पिछले एक सप्ताह में गैस रिसाव (gas leak) की घटनाओं में बच्चों सहित कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने कहा कि बुधवार को क्वेटा के किल्ली बडेजाई इलाके में गैस रिसाव के कारण विस्फोट […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved