जबलपुर। धान उपार्जन शुरू होने के पहले ही उपार्जन केंद्र खोलने में अधिकारियों ने धांधली शुरू कर दी है। अधिकांश उपार्जन केंद्र चंद परिवारों को सौंप दिए गए हैं। पाटन और पनागर में खोले गए केंद्रों की दूरी 500 मीटर से 1 किलोमीटर के दायरे में है, जहां तीन से चार केंद्र खोल दिए गए और बाकी क्षेत्र में कोई भी उपार्जन केंद्र नहीं दिए गए। कुछ जगह तो हालात ऐसे हैं जहां अगल-बगल ही केंद्र की स्थापना कर दी गई है, जबकि दूसरे क्षेत्रों में दर्जनों गोदाम खाली पड़ी हुई थी। यह पूरा का पूरा खेल तहसील स्तर पर बैठे खाद्य विभाग की अधिकारियों और वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के ब्रांच मैनेजर द्वारा खेला गया जिसमें जिला उपार्जन समिति मूकदर्शक बनी हुई बैठी है।
एक ही जगह खुले 4 केंद्र
पाटन तहसील अंतर्गत सरोद समिति के दो केंद्रों की स्थापना ओम साईं राम वेयरहाउस 03 और साईनाथ वेयरहाउस 15 में करी गई है। जबकि यह दोनों वेयरहाउस एक ही परिसर में स्थापित है और दोनों के बीच में 100 मीटर से भी काम की दूरी है। इसके अलावा इन दो केंद्रों से ठीक 300 मीटर की दूरी पर शिव शक्ति वेयरहाउस 61 नंबर में नूनसर समिति का केंद्र खोल दिया गया है और फिर ठीक बगल वाले गांव में जो 500 मीटर की दूरी पर है वहां शिव शक्ति वेयरहाउस 37 नंबर में आरछा समिति का केंद्र स्थापित कर लिया गया है, जबकि नूनसर और आरछा समितियां और उनसे जुड़े हुए गांव यहां से लगभग 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है और वहां दर्जनों गोदाम खाली पड़ी हुई है।
किसान दरकिनार, परिवारों को तवज्जो
सरोद समिति के दो केंद्र एक ही परिवार के वेयरहाउस है इसमें सबसे खास बात यह है कि इसके पहले जो धान और गेहूं की खरीदी हुई है उनके उपार्जन केंद्र भी इसी परिवार के वेयरहाउस में की गई थी। इसके अलावा जो सरोंद और आरछा समिति के केंद्र शिव शक्ति वेयरहाउस में खोले गए हैं वह भी एक ही परिवार के हैं, इसके अलावा पनागर क्षेत्र में भी शुभी अक्षय वेयरहाउस और शुभी एग्रो लॉजिस्टिक एक ही परिवार की गोदाम है। जिन्हें लगातार व्यापार मिलता जा रहा है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन केंद्रों की दूरी भी 500 मीटर से 800 मीटर के बीच है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रशासन दो केंद्रों की स्थापना किसानों की सुविधा के लिए करती है जिससे कि उन्हें कहीं दूर न जाना पड़े लेकिन जब एक ही जगह पर केंद्र खोले जाएंगे तो किसानों को क्या सुविधा होगी।
सिगोद में एक किमी के दायरे में तीन केंद्र
पनागर क्षेत्र के सिगोद गांव में एक किलोमीटर के दायरे में तीन केंद्रों की स्थापना कर दी गई है। जिसमें सेवा सहकारी संस्था सिगोद का एक केंद्र मैना वेयरहाउस 67 नंबर में खोला गया है तो दूसरा चंद कदमों की दूरी पर शुभी अक्षय वेयरहाउस 35 नंबर में खोल दिया गया वहीं वृताकार सेवा सहकारी संस्था महाराजपुर का केंद्र शुभी एग्रो लॉजिस्टिक सिगोद में खोल दिया गया ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अधिकारी किस मनसा के तहत एक ही जगह पर केंद्रों की स्थापना कर रहे हैं। एक किमी के दायरे में खुले तीन खरीदी केन्द्रों से साफ जाहिर होता है कि यहां पर मनमर्जी का खेल खेलने की पूरी तैयारी है।
मजीठा में अगल-बगल में दो केंद्र
पाटन और पनागर की तरह भेड़ाघाट क्षेत्र में भी आजू-बाजू दो केंद्रों की स्थापना करती गई है। जिसमें वृताकार सेवा सहकारी संस्था मनकेड़ी जो की मजीठा गांव से 50 किलोमीटर की दूरी पर है इसका केंद्र एल एंड दी फूड मजीठा में बनाया गया है वही ठीक बगल में स्थित एम एल टी वेयरहाउस 64 नंबर में सेवा सहकारी संस्था तेवर की स्थापना हुई है। ऐसे में सवाल तो फिर वही उठता है कि आजू-बाजू केंद्र बनाने की क्या आवश्यकता थी। और दूसरे सबसे बड़ी बात यह है कि इन दो गोदाम में ही हमेशा से उपार्जन केंद्र स्थापित होते आरही है। बाकी गोदाम संचालकों को व्यापार का मौका आखिर प्रशासन देना क्यों नहीं चाहता।
जांच के बाद सख्त कार्रवाई होगी
धान उपार्जन केंद्रों में नियमों के उल्लंघन की शिकायत अभी तक नहीं आई है। यदि परिवारों को वरीयता देकर दूरी के नियम को तोड़ा गया है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर
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