भोपाल। मध्य प्रदेश में चावल के बाद अब उत्तर प्रदेश की धान खपाई जा रही है। चावल के बाद बालाघाट में यूपी की धान की खेप जप्त हुई है। चावल ने वितरण के बीच आपूर्ति का आंकड़ा बढ़ाया था, अब धान खरीदी का आंकड़ा बढ़ाया जाएगा। यहां धान की कमी है या धान के कटोरे में धान का संकट कई तरह के सवालों की कड़ी ने प्रशासन की उलझने बढ़ा दी है। लिहाजा इससे एक बात तो साफ हो गई है कि धान खरीदी में बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं। यहां धान अच्छी किस्म ही नहीं उत्पादन भी सर्वाधिक होता है। इसलिए पूरे मध्य प्रदेश में यह धान खरीदी और चावल वितरण का सेंटर पाइंट रहा है। हैरान करने देने वाली बात यह है कि यहां अमानक चावल के बाद अब अमानक क्वालिटी की धान खपाई जा रही है। यूपी के चावल के बाद बालाघाट में धान की खेप जब्त हुई है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होते ही एक बार फिर बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं। इन्हीं से किसानों को बचाने सरकार समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कर रही है। लेकिन जिस तरह से बालाघाट में धान की खेप मानेगांव खरीदी केंद्र के पास मिली है। इससे यह माना जा रहा है कि यूपी का धान खरीदी केंद्रों में खपाने की फिराक में यहां तक पहुंच रहा है। राजस्व व नागारिक आपूर्ति निगम केअमले ने एक सूचना पर दबिश देकर भरवेली थाना क्षेत्र के मानेगांव में करीब 675 कट्टी धान जप्त की है।
आपर्ति निगम ने जब्द की धान
बालाघाट तहसीलदार रामबाबू देवांगन के अनुसार मानेगांव में यूपी से आई धान की खेप राजस्व व नागरिक आपूर्ति निगम की टीम ने जब्त की है। गायत्री राइस मिल के नाम पर बिल्टी कटी है। उसकी राइस मिल भरवेली में है,जबकि धान मानेगांव के एक गोदाम में खाली किया जा रहा था। यहां एक धान खरीदी केंद्र भी है। जिससे आशंका जताई जा रही है। धान खरीदी केंद्र लाया गया होगा। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है। धान की क्वालिटी जांच भी कराई जा रही है। मिलर्स को भी तलब किया जा रहा है।
गोदामों की पहुंची उप्र की धान
जिले के भरवेली थाना क्षेत्र के मानेगाव में तहसीलदार रामबाबू देवांगन, नागरिक आपूर्ति निगम और पुलिस टीम ने देर रात संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए यूपी से बालाघाट लाई गई धान को जप्त किया है। इस टीम ने ट्रक से लगभग 675 कट्टी में करीब 270 क्विंटल जप्त किया है। जिसमें से कुछ माल गोदामों में खाली हो चुका था, इस वजह से गोदाम को भी सील किया गया है। वहीं ट्रक को भी थाने में खड़ा करा दिया गया है। बताया जाता है कि एक राइस मिल संचालक के द्वारा यह धान बुलवाया गया था, लेकिन उसके यहां खाली ना होकर मानेगांव में किसी अन्य व्यक्ति के गोदाम में धान खाली किया जा रहा था।
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