इन्दौर। तमाम दावों के बावजूद ऑक्सीजन (Oxygen) , इंजेक्शन (Injection) की किल्लत अभी भी बनी हुई है। एयरलिफ्ट (Airlift) के जरिए खाली टैंकरों को रोजाना भिजवाया भी जा रही है। वहीं एक अच्छी खबर यह है कि पीथमपुर (Pithampur) में जो मित्तल इंडस्ट्रीज (Mittal Industries) का प्लांट बंद था उसे चालू करने के बाद कल उसकी सफल टेस्टिंग भी हो गई और आज से 4 हजार सिलेंडर ऑक्सीजन (Oxygen) यहां से मिलने लगेगी। इससे इंदौर के अलावा आसपास के जिलों को भी राहत होगी। इंजेक्शनों का भी टोटा फिलहाल बरकार ही है।
रेमडेसिविर इंजेक्शनों की किल्लत तो है ही, वहीं टोसी इंजेक्शन (Injection) तो लगभग विलुप्त ही है और 2-2 लाख रुपए कीमत चुकाने पर भी यह इंजेक्शन (Injection) नहीं मिल रहा है। भोपाल बैठे अधिकारियों का कहना है कि लगातार ऑक्सीजन-इंजेक्शन (Oxygen- Injection) की सप्लाय बढ़ाई जा रही है। मगर चूंकि रोजाना नए मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। अब जैसे-जैसे नए मरीजों की संख्या में कमी आएगी और दूसरी तरफ ऑक्सीजन-इंजेक्शन (Oxygen- Injection) की आपूर्ति भी बढ़ेगी। लिहाजा मई के पहले हफ्ते से राहत मिलना शुरू हो जाएगी। यानी अभी जो किल्लत चल रही है वह नहीं रहेगी और फिर अधिकांश मरीजों को ऑक्सीजन और इंजेक्शन (Injection) आसानी से मिलने लगेंगे। कल भी मांग की तुलना में 10 फीसदी भी इंजेक्शनों की आपूर्ति नहीं हो सकी और परिजन सुबह से शाम तक रोज की तरह भटक रहे हैं। कल शहर के छोटे-बड़े 92 निजी अस्पतालों को मात्र 704 इंजेक्शन ही उपलब्ध कराए जा सके।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved