जेनेवा। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने दुनियाभर में एकबार फिर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग बढ़ने लगी है जिससे निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में हर दिन पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं। आकलन से पता चलता है कि 20 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए 90 मिलियन रकम की दरकार है।
WHO का कहना है कि अनुमानत: निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में हर दिन कोरोना संक्रमण से पीड़ित पांच लाख से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इसके लिए कोविड-19 ऑक्सीजन इमरजेंसी टास्कफोर्स (Oxygen emergency taskforce) ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर काम करने वाले प्रमुख संगठनों को एक साथ लाता है ताकि कोरोना से होने वाली मौतों को रोका जा सके। इस टास्कफोर्स के साझेदार ऑक्सीजन की जरूरत का आकलन करेंगे और वित्तीय मदद देने वाले भागीदारों के साथ काम करेंगे। यही नहीं ये सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति और तकनीकी सहायता सुनिश्चित करेंगे।
WHO ने यह भी कहा है कि सस्ती ऑक्सीजन की पहुंच निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए बड़ी चुनौती रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी दबाव डाला है। निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में अधिकांश अस्पताल ऑक्सीजन के सहारे ही चल रहे हैं। अस्पतालों पर ऑक्सीन की आपूर्ति का भारी दबाव है और समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के चलते लोगों की मौत हो जाती है। इसे देखते हुए WHO की अगुवाई में एक कंसोर्टियम कोविड ऑक्सीजन आपात कार्यबल (COVID-19 Oxygen Emergency Taskforce) के शुरुआत की घोषणा कर रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) का अनुमान है कि निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में पांच लाख से ज्यादा लोगों को प्रति दिन 11 लॉख ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत होती है। मौजूदा वक्त में 25 देशों में ऑक्सीजन की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अफ्रीका में ऑक्सीजन सिलेंडरों की भारी जरूरत है। हालांकि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए टीकाकरण में भी तेजी आई है। इसमें भारत का बड़ा योगदान है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने ट्वीट कर कहा है कि कोविड वैक्सीन की आपूर्ति करने में भारत के समर्थन के कारण 60 से अधिक देशों को टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करने में मदद मिली है।
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