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    भारत में नहीं रोका गया ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ट्रायल

  • September 10, 2020

    • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया DCGI के बताई वजह

    नई दिल्ली। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण के चलते दुनियाभर में हाहाकार मचा है। ऐसे में हर किसी की निगाहें कोरोना की वैक्सीन पर टिकी हैं, लेकिन, बुधवार को वैक्सीन को तैयार करने में जुटी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की खबर ने हर किसी को थोड़ा मायूस कर दिया गया। कंपनी ने ऐलान किया कि एक व्यक्ति के बीमार पड़ने के बाद तीसरे फेज के ट्रायल को फिलहाल को रोक दिया गया है। बता दें कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ट्रायल भारत में भी चल रहा है। राहत की खबर ये है कि भारत में इसके क्लीनिकल ट्रायल को फिलहाल नहीं रोका गया है। इस बात की जानकारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दी है। ऑक्सफोर्ड के इस प्रोजेक्ट में सीरम इंस्टिट्यूट पार्टनर फर्म है।

    बुधवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल कर रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को कारण बताओ नोटिस भेजा था। DCGI ने पूछा था कि अगर दुनियाभर में इसके ट्रायल को रोक दिया गया है तो फिर भारत में ऐसा क्यों नहीं किया गया। DCGI ने कहा है कि कम्पनी ने वैक्सीन के ट्रायल को लेकर उसे जानकारी क्यों नही दी। नोटिस में ये भी पूछा गया कि सीरम ने वैक्सीन के सामने आए प्रतिकूल असर के बारे में अपना एनालिसिस क्यों नहीं सौंपा गया।

    इस नोटिस के जवाब में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा कि वो DCGI के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं। कंपनी का कहना है कि उन्हें अभी ट्रायल रोकने के लिए नहीं कहा गया है। कंपनी ने ये भी कहा कि अगर DCGI को सुरक्षा से जुड़ी कोई दिक्कत है तो हम उनके निर्देशों को फॉलो करेंगे। कंपनी का ये भी कहना है कि ये रूटीन चीजें हैं कि कोई परेशानी होने पर ट्रायल को रोका जाता है। बता दें कि एस्ट्राज़ेनेका ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि ये एक रूटीन रुकावट है, क्योंकि टेस्टिंग में शामिल व्यक्ति की बीमारी के बारे में अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

    30 हज़ार लोगों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
    दुनियाभर में करीब 30 हज़ार लोगों पर इस वक्त इस वैक्सीन के ट्रायल किए जा रहे हैं। पिछले महीने ब्रिटेन की ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन का पहला और दूसरा ह्यूमन ट्रायल सफल रहा था। ब्राजील में किए गए ह्यूमन ट्रायल के बेहतरीन नतीजे आए। ट्रायल में शामिल किए गए वॉलंटियर्स में वैक्‍सीन से वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई। इसके अलावा इसे काफी सुरक्षित भी माना जा रहा है। ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि ट्रायल में शामिल लोगों में एंटीबॉडी और व्‍हाइट ब्लड सेल्स (T-Cells) विकसित हुईं।

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