हैदराबाद । बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid Demolition) की बरसी पर एआईएमआईएम (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ट्वीट कर कहा, ‘आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाएं और सिखाएं कि 400 सालों से भी ज्यादा समय से हमारी बाबरी मस्जिद अयोध्या में खड़ी थी. इस मस्जिद के हॉल में हमारे पूर्वज इबादत किया करते थे. इसके प्रांगण में अपना रोजा खोला करते थे. जब वे मर जाते थे, तब उनको समीप के कब्रिस्तान में दफनाया जाता था’.
उन्होंने कहा, ’22-23 दिसंबर 1949 की रात को हमारी बाबरी मस्जिद का अनादर कर उसे अवैध रूप से 42 सालों तक कब्जे में रखा गया. 1992 में पूरी दुनिया के सामने हमारी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया. इसके लिए जिम्मेदार पुरुषों को एक दिन की भी सजा नहीं हुई’. उन्होंने कहा, ‘इस नाइंसाफी को कभी मत भूलिएगा’.
Remember & teach the next generation to remember:
For 400+ years our #BabriMasjid stood in Ayodhya. Our ancestors prayed in its hall, broke their fasts together in its courtyard & when they died, they were buried in the adjoining graveyard
Never forget this injustice [1]
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 6, 2020
ओवैसी ने कहा, ‘हमारी लड़ाई ज़मीन की नहीं बल्कि कानूनी अधिकार की थी, हमको भीख में कोई चीज़ नहीं चाहिए. हमारा जो हक है, हमें दे दो’.
On the night of December 22-23 1949, our #BabriMasjid was desecrated & illegally occupied for 42 years
On this date in 1992, our masjid was demolished before the whole world. The men responsible for this did not see even a day's punishment
Never forget this injustice [2]
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 6, 2020
मालूम हो कि आज बाबरी मस्जिद की बरसी है. बाबरी विध्वंस के सभी आरोपी अदालत से पहले ही बरी किए जा चुके हैं. पिछले साल उच्चतम न्यायायल ने विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया था. मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद आज बाबरी विध्वंस की पहली बरसी है.
हमारी लड़ाई ज़मीन की नहीं बल्कि कानूनी अधिकार की थी, हमको भीख में कोई चीज़ नहीं चाहिए। हमारा जो हक़ है, हमें देदो। – Barrister @asadowaisi pic.twitter.com/iY8J6hM4Cv
— AIMIM (@aimim_national) December 6, 2020
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