हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के रविवार रात के संसद भवन निर्माण (Parliament building construction) के निरीक्षण दौरे पर सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreem Court) के निर्णय के अनुसार संसद, संविधान का मूल ढांचा है। शक्तियों के विभाजन का सिद्धांत कहता है कि कार्य पालिका, न्याय पालिका और विधान मंडल की गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। प्रधानमंत्री उसी कार्य पालिका का हिस्सा हैं।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि अगर प्रधानमंत्री अकेले जाकर संसद भवन के निर्माण का निरीक्षण करते हैं तो मैं इसे पूरी तरह से गलत मानता हूं। यह स्पष्ट रूप से शक्तियों के विभाजन के सिद्धांत का उल्लंघन है। एआईएमआईएम प्रमुख ने सवाल उठाया कि लोकसभा के स्पीकर सदन के संरक्षक हैं, वह इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ क्यों नहीं थे? ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को नए संसद भवन का दौरा करने के लिए अकेले नहीं जाना चाहिए था।
रविवार रात अचानक पहुंचे थे प्रधानमंत्री
उल्लेखनीय है कि रविवार की रात करीब 8.45 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन ‘सेंट्रल विस्टा’ के निर्माण स्थल पर अचानक पहुंच गए थे। यहां उन्होंने करीब एक घंटा व्यतीत किया था और निर्माण कार्य की प्रगति की स्थिति जानी थी। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी।
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