नई दिल्ली (New Delhi)। संसद के विशेष सत्र (Parliament special session) के तीसरे दिन लोकसभा (Lok Sabha) में महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan Act) पास हो गया। लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 454 वोट डाले गए। वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और उन्हीं के पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील (Imtiaz Jalil) ने विधेयक का विरोध किया। इसके पीछे एआईएमआईएम ने तर्क दिया कि चूंकि विधेयक में मुस्लिमों और ओबीसी महिलाओं का प्रावधान नहीं है, इसलिए उन्होंने विधेयक के विरोध में वोट दिया है।
ओवैसी ने कहा कि हमने विधेयक के खिलाफ इसलिए मतदान किया क्योंकि देश को पता चले कि संसद में दो सदस्य ऐसे भी हैं जो, मुस्लिमों और ओबीसी महिलाओं के लिए लड़ रहे हैं। इस देश में ओबीसी समुदाय की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, बावजूद इसके सरकार उन्हें आरक्षण देने से मना क्यों कर रही है। राष्ट्रीय आबादी में मुस्लिम महिलाओं की आबादी सात प्रतिशत है। लेकिन संसद में उनका प्रतिनिधित्व सिर्फ 0.7 फीसदी है।
27 महिला सदस्यों ने लिया बहस में हिस्सा
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं।
महिला आरक्षण विधेयक पर आज को राज्यसभा में चर्चा
अब महिला आरक्षण विधेयक पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा होगी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पर कल चर्चा होगी। लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद इसे उच्च सदन में चर्चा व पारित किए जाने के लिए पेश किया जाएगा। विधेयक पर चर्चा के लिए साढ़े सात घंटे का समय तय किया गया है।
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