नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के दौरान हुई हिंसा पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं. उन्होंने इन हमलों पर आज सोमवार को हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती थी कि हिंसा हो. सरकार ने इजाजत दी और हिंसा होने दी. AIMIM सांसद ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अपने आरोपों को दोहराते हुए एक बार फिर पुलिस की जांच पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ ही हो रही है. मुस्लिमों को आरोपी बनाया गया और उन्हें ही गिरफ्तार किया गया.
ओवैसी ने कहा कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में दंगा सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया था. सरकार चाहती थी हिंसा हो, इसके लिए बकायदा इजाजत दी गई और हिंसा होने दी गई. दंगे अचानक से नहीं होते, जब सरकार चाहती है तभी दंगे होते हैं. उन्होंने कहा कि शोभायात्रा के दौरान धमकी वाले नारे लगाए गए. सैकड़ों हाथों में तलवार और कट्टे थे. मस्जिद के सामने आपत्तिजनक गाने चलाए गए. शोभायात्रा में तलवारों का क्या काम?
सरकार पर हमलों की बौछार करते हुए ओवैसी ने उत्तराखंड की घटना का भी जिक्र किया, जिसमें एक मस्जिद के ऊपर झंडा लगाया गया था. उन्होंने पूछा कि मस्जिद पर झंडा क्यों लगाने दिया गया? ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए सरकार की पूरी जिम्मेदारी होनी चाहिए.
याद दिला दें कि बीते सप्ताह शुक्रवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के दौरान निकाली गई शोभायात्रा में हिंसा भड़की थी. हालात पर काबू पाने के लिए मौके पर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई थी. मामले में अब तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मुख्य आरोपी अंसार और असलम को रोहिणी कोर्ट ने गिरफ्तारी के बाद एक दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया था. सभी आरोपियों में दो नाबालिग भी पुलिस हिरासत में हैं.
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