नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जाने पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवैशी ने पीएम के मंदिर के शिलान्यास में जाने को संविधान के शपथ का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि पंथनिरपेक्षता भारत के संविधान का अभिन्न अंग है और यह उसका अनादर होगा। बता दें कि पीएम मोदी 5 अगस्त को अयोध्या जाएंगे। वहां वह राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी जब 5 अगस्त को राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे उसी के बाद से मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। ओवैसी ने कहा, ‘हम यह नहीं भूल सकते कि 400 वर्षों से ज्यादा वक्त से बाबरी मस्जिद अयोध्या में थी और 1992 में क्रिमिनल भीड़ ने इसे ध्वस्त कर दिया था।
Attending Bhumi Pujan in official capacity will be a violation of @PMOIndia‘s constitutional oath. Secularism is part of the Basic Structure of Constitution
We can’t forget that for over 400 years Babri stood in Ayodhya & it was demolished by a criminal mob in 1992 https://t.co/qt2RCvJOK1
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 28, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या के राम मंदिर का भूमि पूजन करने के साथ इसके निर्माण का शुभारंभ करेंगे। पीएम का कार्यक्रम तय हो गया है। वह दिन में साढ़े 11 बजे यहां पहुंचेंगे तथा लोगों को संबोधित भी करेंगे। इस कार्यक्रम में करीब 200 गणमान्य लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। मेहमानों की सूची पीएमओ को सौंपी जा चुकी है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि भूमि पूजन के दिन, 5 अगस्त को दुनियाभर में फैले सभी राम भक्त और भारत के संत-महात्मा जहां हैं, वहीं पर पूजन करें। उन्होंने कहा, ‘सभी श्रद्धालु संभव हो तो परिवार के साथ या नजदीक के किसी मंदिर में 5 अगस्त को सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक भजन-पूजा करें।’ उन्होंने बड़े ऑडिटोरियम में भूमि पूजन का लाइव टेलीकास्ट दिखाने की भी अपील की है।
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