नई दिल्ली: कड़े कायदे-कानून वाले इस्लामिक मुल्क ईरान में लड़कियों को जहर दिए जाने का मामला दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है. यहां पर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली लड़कियों पर विषैली गैस व रसायन का हमला हुआ. जिससे हजारों लड़कियों की तबियत बिगड़ गई. अब ईरानी हुकूमत गुनहगारों को सख्त सजा देने का दावा कर रही है.
ईरानी मीडिया के हवाले से पता चला है कि लड़कियों को जहर देने के मामलों में ईरान में 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इन आरोपियों में ज्यादातर सरकारी कर्मचारी हैं. वे ऐसे लोग हैं, जो महिलाओं को ‘इस्लाम’ के सख्त कायदे-कानून फॉलो करने के लिए मजबूर करते हैं और उन्हें पुरुषों जितनी बराबरी नहीं देते.
ईरान में छात्राओं को निशाने बनाने वालों पर कार्रवाई शुरू
लड़कियों पर जहर से हमले की वजह ईरान में पिछले साल शुरू हुए प्रदर्शनों के साथ उठ रही आजादी की आवाज को माना जा रहा है. पिछले साल 16 सितंबर को इस मुल्क के कई शहरों में हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे. तब बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग की थी, जिससे इस्लामिक कट्टरपंथी खफा हो गए थे. तभी से वहां लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं में तेजी आई.
पांच हजार लड़कियों की हालत बिगड़ी, कई मौतें
पिछले दिनों यहां स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली लड़कियों पर विषैली गैस व केमिकल का हमला हुआ. इसके चलते करीब पांच हजार लड़कियां रहस्यमयी तौर पर बीमार हो गईं, कई ने दम तोड़ दिया. यह मामला विश्व-पटल पर गूंजा, जिसके बाद दबाव में आए ईरानी हुकूमत के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई ने कहा कि वे बेटियों को टारगेट करने वालों को सजा दिलवाएंगे.
लड़कियों के पानी में मिलाया गया था धीमा जहर
हुकूमत ने जो जांच कराई, उसमें सामने आया कि लड़कियों के पानी में धीमा जहर मिलाया गया था. उसके बाद साक्ष्यों के आधार पर ईरान के कई शहरों के आरोपियों को गिरफ्तार शुरू हुई. सरकारी न्यूज एजेंसी ‘इरना’ के मुताबिक, जो लोग पुलिस ने पकड़े हैं, उनमें से ज्यादातर सरकारी कर्मचारी हैं. बताया जा रहा है कि ये वो लोग हैं जो सरकार समर्थक और कट्टरपंथी हैं.
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