नई दिल्ली। भारत में (In India) 1.72 करोड़ से अधिक (Over 1.72 crore) साइबर सुरक्षा खतरे (Cyber security threats) रोके गए (Prevented)। अकेले भारत में पिछली एक तिमाही में औसतन 187,118 ब्लॉक प्रतिदिन 17,214,900 से अधिक साइबर सुरक्षा खतरों को सफलतापूर्वक रोका गया। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
वैश्विक डिजिटल सुरक्षा कंपनी नॉर्टनलाइफ लॉक के अनुसार, इसने 1.23 लाख से अधिक तकनीकी सहायता यूआरएल को भी अवरुद्ध कर दिया, जो जुलाई और सितंबर के बीच लगातार 13 हफ्तों तक फिशिंग खतरों की सूची में सबसे ऊपर रहा।
नॉर्टनलाइफ लॉक के प्रौद्योगिकी प्रमुख डैरेन शॉ ने एक बयान में कहा, “तकनीकी सहायता घोटाले प्रभावी हैं, क्योंकि वे उपभोक्ताओं के डर, अनिश्चितता और संदेह का शिकार होते हैं, ताकि प्राप्तकर्ताओं को विश्वास हो सके कि वे एक गंभीर साइबर सुरक्षा खतरे का सामना कर रहे हैं।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के घोटाले की प्रभावशीलता महामारी के दौरान बढ़ गई है, क्योंकि उपभोक्ताओं की हाइब्रिड वर्क शेड्यूल और पारिवारिक गतिविधियों को प्रबंधित करने के लिए अपने उपकरणों पर निर्भरता बढ़ गई है।
नवीनतम निष्कर्ष तकनीकी सहायता घोटाले दिखाते हैं, जो अक्सर प्रमुख तकनीकी कंपनियों के नाम और ब्रांडिंग का उपयोग करके एक पॉप-अप अलर्ट के रूप में आते हैं, उपभोक्ताओं के लिए शीर्ष फिशिंग खतरा बन गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी छुट्टियों के मौसम के साथ-साथ खरीदारी और चैरिटी से संबंधित फिशिंग हमलों में तकनीकी सहायता घोटाले बढ़ने का अंदेशा है।
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