आगर मालवा। कोरोनाकाल में आम उपभोक्ताओं के माफ किये गए बिजली बिलों की वसूली के लिए अब सरकार समाधान योजना लेकर आई है। बिल में छूट पाने के लिये उपभोक्ताओं को सरकार की दो अलग-अलग योजनाओं के तहत 15 दिसंबर के पहले यह बिल भरना होगा। इस तारीख के बाद बिजली कंपनी द्वारा कोरोनाकाल के दौरान जो बिल आया था उसे पूरा वसूला जाएगा। बिल न भरने के एवज में कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाएगी।
भुगतान के लिए रखे है दो विकल्प
कोरोनाकाल में उपभोक्ताओं का 31 दिसंबर 2020 तक जितना बिल सीज किया गया था, उस सम्पूर्ण बिल को एकमुश्त उपभोक्ता यदि 15 दिसंबर से पहले जमा करता है तो उसे 40 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उसे मूल राशि का 60 प्रतिशत ही जमा करना होगा वहीं जो पेनेल्टी लगी होगी वह भी माफ हो जाएगी। इसके अलावा दूसरे विकल्प के रूप में उपभोक्ता सम्पूर्ण राशि को 6 किस्तों में भी जमा कर सकता है। इस स्थिति में उसे 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
करीब एक करोड़ की राशि बकाया
शहर के एक किलोवाट कनेक्शन वाले 8 हजार उपभोक्ताओं पर कोरोनाकाल का बकाया है। इन उपभोक्ताओं से बिजली विभाग को करीब एक करोड़ रुपए की राशि वसूलना है। इन उपभोक्ताओं में कई मध्यमवर्गीय व गरीब उपभोक्ता है जो दैनिक मजदूरी कर या छोटी-मोटी नौकरी कर अपना घर चलाते है। ये लोग निश्चिंत होकर मान बैठे थे कि उस समय का इनका बिजली बिल माफ हो चुका है लेकिन अब डेढ़ साल बाद अचानक आई इस योजना से इन लोगों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी। इनके सामने एकमुश्त बिजली बिल भरने का बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
एक किलोवाट कनेक्शनधारियों के कोरोनाकाल में सीज किये गए बिजली बिल को भरने के लिए सरकार द्वारा समाधान योजना लाई गई है। इसके तहत दो अलग-अलग विकल्पों के माध्यम से उपभोक्ता 15 दिसंबर के पहले बिल जमा कर छूट पा सकते है। इस तारीख के बाद उन्हें नियमानुसार पूरा बिल जमा करना होगा।
सोनू कुर्मी, सहायक यंत्री विविकं आगर मालवा
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