विदिशा। मेडिकल कॉलेज में आज उस समय अजीबोगरीब स्थिति बन गई जब जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी के बुजुर्ग परिजन को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया। लेकिन उन्हें व्हीलचेयर पर बिठाकर अंदर ले जाने के लिए ना तो कोई वार्ड वाय था और ना ही कोई सुरक्षा गार्ड सामने आए। अधिकारी के अर्दली ने ही उन्हें व्हीलचेयर पर बैठाया और अंदर ले गए।
दरअसल ऐसी स्थिति 15 दिन पहले नहीं थी जब किसी भी अधिकारी के परिजन या उनका वाहन या मेडिकल कॉलेज में आता था तब दर्जनों वार्ड वाय, सुरक्षा गार्ड दौड़ कर उनकी मदद किया करते थे। क्योंकि उस समय सुरक्षा गार्ड या आउटसोर्स पर नौकरी कर रहे कर्मचारी हड़ताल पर नहीं थे। अपनी वेतन की मांग को लेकर आउट सोर्स पर रखे कर्मचारी जिसमें सुरक्षा गार्ड, वार्ड बॉय और हाउसकीपर अपने 3 माह का वेतन और नई कंपनी में इन्हीं कर्मचारियों को रखने की मांग कर रहे हैं और इसी को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
खुद कलेक्टर ने भी उन्हें वेतन जल्द जलाए जाने का आश्वासन दिया था। वह पूरा नहीं हुआ और इसी महीने में तीसरी बार वह हड़ताल पर बैठ गए हैं। कर्मचारियों ने बताया कि 30 अप्रैल तक वह सतत रूप से हड़ताल पर रहेंगे जो जिले के वरिष्ठ अधिकारी के परिजनों के साथ हुआ अधिकांश मरीजों के साथ हो रहा है। वाहन पर डीएम लिखा हुआ था।
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