शंघाई । चीन (China) में कोरोना (Corona) की तीसरी लहर नियंत्रण से बाहर हो रही है। सख्त प्रतिबंधों के बावजूद चीन (China) में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 26 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
चीन प्रशासन ने बताया कि 12 अप्रैल को कोरोना के स्पर्शोन्मुख 25,141 नए मामले सामने आए हैं, जबकि लक्षण वाले 1,189 मामले मिले हैं। एक ही दिन पहले स्पर्शोन्मुख मामले 22,348 रह चुके हैं। कोरोना के बढ़ते केस के बीच जीरो कोविड नीति का बचाव करते हुए चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा, ये नीति महामारी विरोधी प्रोटोकॉल विज्ञान और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है।
उधर, शंघाई में लॉकडाउन से हालात बिगड़ रहे हैं। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि शंघाई में लॉकडाउन के कारण महावाणिज्य दूतावास से संपर्क नहीं हो पा रहा है। महावाणिज्य दूतावास शंघाई में निजी रूप से काउंसलर सेवाएं देने की स्थिति में नहीं है। दूतावास ने भारतीयों के लिए गाइडलाइन्स भी जारी की हैं।
यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के चलते पिछले साल 7.7 करोड़ लोग गरीबी के गर्त में चले गए और कई विकासशील देश कर्ज पर दिए जाने वाले भारी ब्याज के कारण महामारी के दुष्प्रभावों से उबर नहीं पा रहे हैं। यह संख्या यूक्रेन में जारी युद्ध के असर से पहले की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, धनी देश महामारी के कारण आई गिरावट से काफी कम ब्याज पर कर्ज लेकर उबर सकते हैं, लेकिन गरीब देशों ने अपना कर्ज चुकाने में अरबों डॉलर खर्च किए और ऊंची ब्याज दर पर मिले ऋण के चलते वे शिक्षा-स्वास्थ्य सुधार, पर्यावरण और असमानता घटाने में ज्यादा खर्च नहीं कर सके।
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