नई दिल्ली (New Delhi)। पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में स्वास्थ्य व्यवस्था (pakistan health system) चरमरा गई है। वहां बच्चों में फैली बीमारी से हाहाकार मचा है। आलम यह है कि एक महीने में एक ही राज्य में करीब 18000 बच्चे बीमार हुए हैं, जबकि इनमें से 300 की मौत हो गई है। पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ जनवरी में पूर्वी पंजाब में निमोनिया से लगभग 300 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 18,000 से अधिक बच्चे इस बीमारी के शिकार हुए हैं।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लाहौर के चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में हर दिन सैकड़ों मामले आ रहे हैं। चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती अधिकांश बच्चे खाँसी और फेफड़ों में खिंचाव की समस्या से ग्रसित हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही हैं। अधिक सर्दी और प्रदूषण के कारण जो दमघोंटू धुंध बने हैं उससे समस्या और बढ़ गई है। सरकारी टीकाकरण दरों में भी कमी देखी गई है।
पाकिस्तान के पूर्वी मेगासिटी में हर सर्दी में धुंध का स्तर दुनिया में सबसे खराब स्तर पर पहुंच जाता है। डॉक्टरों ने कहा है कि बारिश आम तौर पर राहत लाती है और प्रदूषण के कणों को सोख लेती है, लेकिन पाकिस्तान ने असामान्य रूप से शुष्क और ठंडी सर्दी का सामना किया है, जिससे बच्चे श्वसन संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो गए हैं।
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