इंदौर (Indore)। प्रदेशभर में 5 हजार से अधिक अवैध कॉलोनियों (illegal colonies) को वैध करने का लक्ष्य नगरीय प्रशासन ने तय किया है, तो दूसरी तरफ इंदौर की अधिकांश कॉलोनियां (Most of the colonies of Indore) अवैध ही रहेंगी। नगर निगम ने 622 अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार कर दावे-आपत्तियों और एनओसी सहित अन्य प्रक्रिया के लिए जारी की। मगर इसमें से लगभग 150 कॉलोनियां ही अंतिम रूप से वैध की जा सकेगी। शेष साढ़े 400 से अधिक कॉलोनियां पूर्ववत् अवैध ही रहेंगी।
इंदौर जहां जमीनी जादूगरों का गढ़ रहा व सबसे अधिक अवैध निर्माण व कॉलोनियां भी कटी हैं। नजूल, सीलिंग, प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड सहित अन्य सरकारी विभागों की जमीनों से लेकर नदी, नाले, तालाब, ग्रीन बेल्ट की जमीनों पर भी धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां विगत वर्षों में कटती रही है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मंशा है कि विधानसभा चुनाव से पहले 5 हजार से अधिक अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया जाए, जिसके चलते इंदौर सहित प्रदेशभर में यह प्रक्रिया चल रही है। शहरी सीमा के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों यानी पंचायत की अवैध कॉलोनियों को भी वैध किया जा रहा है।
सबसे अधिक अवैध कॉलोनियां चूंकि 85 वार्डों में मौजूद है, लिहाजा निगम का कॉलोनी सेल उनको वैध करने की कवायद में जुटा है। मगर जानकारों का कहना है कि 622 में से बमुश्किल 150 तक ही कॉलोनियां वैध की जा सकेंगी, क्योंकि अन्य साढ़े 400 से अधिक कॉलोनियां विवादित जमीनों पर बसी है, जिनको लेकर एनओसी ही नहीं मिलेगी। अभी 81 कॉलोनियां तो अंतिम रूप से वैध करने की प्रक्रिया में शामिल भी हो गई है, जिसमें दावे-आपत्ति के साथ ही ले-आउट भी तैयार करवा लिए हैं और अब विकास शुल्क की गणना की जा रही है, ताकि संबंधित रहवासी संघों और भूखंड मालिकों से यह राशि जमा कराई जा सके। अभी 20 और कॉलोनियां चिन्हित की गई हैं, तो 98 कॉलोनियां ऐसी हैं जिनमें कुछ एनओसी तो आ गई है, मगर नजूल, प्राधिकरण, सहकारिता अथवा नगर तथा ग्राम निवेश की एनओसी शेष है। अभी पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्ग व ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया की समीक्षा की थी, जिसमें 31 मार्च तक 135 कॉलोनियों को वैध करने का दावा भी किया गया। दूसरी तरफ प्रशासन पंचायत क्षेत्रों में शामिल की गई 86 अवैध कॉलोनियों को भी वैध करने की प्रक्रिया शुरू करवा चुका है और इसमें दावे-आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं।
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