उज्जैन। निजी अस्पतालों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए फायर एनओसी लेने की प्रक्रिया में अस्पताल विभाग को ठेंगा दिखा रहे हैं। शहर में चल रहे 40 से अधिक निजी अस्पताल में से 6 ही अस्पतालों ने अब तक एनओसी जमा कराई है। नोटिस जारी होने के बाद आज जवाब मांगने के बाद विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा। जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हुई आगजनी की घटना और मरीजों की मौत के बाद पूरे मध्यप्रदेश में अस्पतालों को फायर एनओसी लेने के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उज्जैन शहर के 6 ही अस्पतालों में विभाग के इस निर्देश को मानते हुए एनओसी जमा कराई है। बाकी अस्पताल विभाग के अधिकारियों को ठेंगा दिखा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब इन अस्पतालों को जहां रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के नोटिस भेजने की शुरुआत करने जा रहे हैं, वहीं विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
पिछले दिनों विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस के बाद भी किसी भी अस्पताल ने फायर एनओसी, इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी साझा नहीं की है। जबलपुर में हुई आगजनी की घटना के बाद विभाग ने नोटिस जारी करके खानापूर्ति तो कर दी, लेकिन चौंका देने वाली बात तो यह है कि विभाग के अधिकारियों को अग्नि सुरक्षा एनओसी की आवश्यकता वाले अस्पतालों की जानकारी भी नहीं है। पिछले साल 40 निजी अस्पतालों का अग्नि सुरक्षा उपायों का ऑडिट किया गया था और इनमें से 6 ही एनओसी पेश की थी और अभी भी अस्पताल संचालक इस पर ध्यान नहीं दे रहे।
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