• img-fluid

    इंदौर की 100 छात्रों में से 60 फेफड़ों की बीमारी, ब्लड प्रेशर और हार्ट की परेशानियां भी

  • October 06, 2024

    • रात रात भर पढ़ाई करने की वजह से आ रही है दिक्कत, डॉक्टर के शोध में हुआ खुलासा

    इंदौर (Indore)। शहर में पढ़ाई के लिए कोचिंग करने कई बच्चे बाहर से आ रहे हैं,वही शहर के बच्चे भी पढ़ाई के प्रेशर में रात रात भर जाग रहे हंै। इससे इनकी सेहत पर न केवल दुष्प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि कोचिंग जाने वाले बच्चों में 60 प्रतिशत को लंग्स, फेफड़े की बीमारी के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर, शुगर और हार्ट डिसीज भी अपनी चपेट में ले रही है। अच्छी व पुरी नींद नहीं लेने वाले छात्रों पर यह सर्वे किया गया।

    इंदौर के डॉक्टर रवि डोसी ने बताया कि 100 छात्रों पर किए गए सर्वे में डॉक्टरों ने पाया कि कोचिंग जाने वाले बच्चों में तेजी से कई तरह की परेशानियां देखने में आ रही है। 60 प्रतिशत को लंग्स, फेफड़े की बीमारियों के साथ साथ हाई ब्लड प्रेशर और साइलेंट अटैक से जूझना पड़ रहा है। शहर में हो रही दो दिवसीय साउथ इस्ट एशियन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन की कांफ्रेंस में देश विदेश के डॉक्टर चर्चा कर रहें है। नींद नहीं आना, खर्राटे लेना और नींद में चलना सिर्फ दिमागी परेशानी नहीं है इसका इलाज छाती रोग विशेषज्ञ नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलाजिस्ट और मनोचिकित्सक की मदद किया जाता है नींद से जुड़ी बीमारियां आने में लाइफ स्टाइल और अनियमित दिनचर्या और अधिक मोबाइल के उपयोग के कारण तेजी से गंभीर रूप ले रही है।


    जर्मनी की मशीन लगाएगी बिमारियों का पता
    डॉक्टरों की कांफ्रेंस में जर्मनी से लाई गई मशीन लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगी यह मशीन बता सकती है कि मरीज को नींद क्यों नहीं आ रही है। इसमें दिमाग सहित शरीर के अन्य हिस्सों में सेंसर लगाए जाते हैं। जो यह रीडिंग करते हैं कि व्यक्ति कब- कब नींद की किस स्टेज में गया। कितनी बार नींद खुली, कितनी बार खर्राटे लिए आदि भी पता करती है। इससे श्वास व दिमागी दोनों ही तरह की परेशानियों का पता चलाता है। स्लीप डिसआर्डर का यह पता करता है, जिसके बाद उसका उपचार किया जाता है। मशीन का आकार मोबाइल से भी छोटा है और इसे लगाने में 40 से 50 मिनट तक लगते हैं। जर्मनी में बनी इस स्लीप डायग्नोस्टिक मशीन की कीमत 5 लाख से लेकर 30 लाख रुपए तक है। पहले दिन ईईजी स्कोरिंग स्लीप एपनिया, पीएसजी स्टडी, नॉन – इनवेसिव वेंटिलेशन, स्लीप मेडिसन में टेलीमॉनिटरिंग, नार्कोलेप्सी विषयों पर व्याख्यान हुए। प्रेसीडेंट डॉ. राजेश स्वर्णकार ने बताया, नींद से जुड़ी समस्याएं सामान्य हो गई हैं। कई लोग सोते तो हैं, लेकिन नींद पूरी नहीं हो पाती। इसे समझने के लिए नींद को समझना बहुत जरूरी है।

    Share:

    कोलकाता केस: जूनियर डॉक्टर्स का आमरण अनशन, ममता सरकार पर लगाया ये आरोप

    Sun Oct 6 , 2024
    डेस्क: कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical Collage) में अगस्त महीने में जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor) के साथ हुए रेप-मर्डर केस का मामला शांत नहीं हुआ है. जूनियर डॉक्टर्स का आमरण अनशन (Hunger Strike) जारी है. उन्होंने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार (Mamata Government) पर उनकी मांगों पर ढिलाई बरतने का […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved